भूमि पूजन का साक्षी बन हो गई मनोरथ पूरी, पढ़ें क्या हैं संतों के विचार

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RGA न्यूज़ आगरा उत्तर प्रदेश

Ram Mandir Bhumi Pujan अयोध्या से लौटे संतों ने जागरण से बातचीत में अपनी भावनाएं सार्वजनिक कीं।...

आगरा:- अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के ब्रज के कई संत साक्षी बने। इससे संत बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि उनकी मनोरथ पूरी हो गई। जागरण से बातचीत में संतों ने अपनी भावनाएं सार्वजनिक कीं।

मंदिर पर स्वर्ण पत्र चढ़ा देखने की इच्छा: महंत फूलडोल

मन में इच्छा है कि पूरे मंदिर पर स्वर्ण पत्र चढ़े। यह इच्छा विहिप के पदाधिकारियों के सामने मैंने रखी तो सब प्रसन्न हो उठे। भूमिपूजन से लौटे महंत फूलडोल बिहारी दास यह कहते हुए बेहद उत्साहित दिखे। कहा, मेरा तो जैसे हर सपना साकार हो गया। पांच अगस्त का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। अयोध्या से वापसी पर उन्हें एक चांदी का सिक्का जिसपर श्रीराम परिवार की झांकी और मिठाई भी दी गई।

राष्ट्र मंदिर की स्थापना: स्वामी ज्ञानानंद

गीता मर्मज्ञ महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री भी पूरी तरह रामभक्त की भूमिका में अयोध्या पहुंचे। यह सनातनधर्मियों के लिए विशेष दिन था। ऐसी प्रसन्नता हुई कि उसे व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे। मंदिर के भूमि पूजन में पहुंचना और इस विलक्षण पल का साक्षी बनना अपने आप में ऐतिहासिक स्मृति है। अयोध्या में राम मंदिर केरूप में राष्ट्र मंदिर की स्थापना हो रही है।

जीवन का सबसे सुखद दिन: गोपेश्वर चतुर्वेदी

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी के लिए भूमिपूजन का साक्षी बनना जीवन का सबसे सुखद दिन है। कहते हैं कि अयोध्या राममय थी और हर तरफ रामरंग बरस रहा था। अकल्पनीय खुशी में हर कोई डूबा था। जब मैं अयोध्या जा रहा था, तभी मन प्रफुल्लित था। मैं इसका साक्षी बनूंगा, सपने में भी नहीं सोचा था।

खुशी के कारण रात भर सो न सके: विजय बहादुर

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के मीडिया प्रभारी विजय बहादुर कहते हैं मंदिर के भूमिपूजन की खुशी में रात भर सो नहीं सके। हर तरफ भगवा झंडी, पताका लहरा रही थीं। ये देख मेरा मन भी भगवा रंग में पूरी तरह रंग गया। सड़कों पर निकले तो अद्भुत नजारा था। अपार खुशी थी, तो यहां मथुरा में भी लोग खुश थे। इस आंदोलन के बलिदानियों के लिए भी ये सच्ची श्रद्धांजलि थी। मेरे लिए इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा। 

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