अलग-थलग पड़े पिथौरागढ़ के आठ गांवों में गहराया खाद्यान्न संकट

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RGA न्यूज़ उत्तराखंड पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ जेएनएन आपदा प्रभावित मुनस्यारी तहसील के आठ गांवों में खाद्यान्न संकट की आशंका ग...

पिथौरागढ़:- आपदा प्रभावित मुनस्यारी तहसील के आठ गांवों में खाद्यान्न संकट की आशंका गहरा गई है। पिछले 12 दिनों से इन गांवों का सड़क संपर्क भंग है। बुरी तरह क्षतिग्रस्त सड़क के जल्द सुचारू होने की उम्मीद भी कम है।

भारी बारिश से हरकोट-चौना सड़क कई स्थानों पर ध्वस्त हो गई। कई स्थानों पर सड़क का नामोनिशान मिट गया है। सड़क ध्वस्त हो जाने से हरकोट, चौना, मटेला, मालूपाती, इमला, जोशा, गांधीनगर और ढूनामानी गांव अलग-थलग पड़े हैं। इन गांवों में खाद्यान्न नहीं पहुंच पा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता विक्की चिराल ने बताया कि अभी ग्रामीणों के पास खाद्यान्न का स्टाक है, लेकिन जल्दी सड़क नहीं खुलती है तो खाद्यान्न का संकट गहरा सकता है। वाहनों का संचालन नहीं होने से गावों तक कुकिंग गैस भी नहीं पहुंच पा रही है। इससे ईंधन का संकट भी खड़ा हो सकता है। परेशान ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त सड़क को अविलंब ठीक कराए जाने की मांग की है। ======= मुनस्यारी मोटर मार्ग पर फिर आया मलबा मुनस्यारी: थल-मुनस्यारी सड़क पर फल्याटी के पास बीती रात्रि भारी मलबा आ गया। जिससे वाहनों का संचालन ठप हो गया। लोक निर्माण विभाग ने प्रात: 10 बजे से सड़क से मलबा साफ कर वाहनों का आवागमन शुरू कराया। सुबह जल्दी यात्रा पर निकले लोगों को मार्ग बंद होने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। ======= मौरी तक खुली सड़क मदकोट: आपदा से बंद पड़ी बंगापानी-बरम सड़क शनिवार को मौरी गांव तक खुल गई। विधायक हरीश धामी ने अपने संसाधनों से एक ही दिन में दो किमी. सड़क खुलवाई। क्षेत्रवासियों ने कहा कि पिछले 11 दिनों से सड़क खोलने में जुटा सीमा सड़क संगठन अभी तक केवल दो किमी. सड़क खुलवा पाया है। क्षेत्रवासियों ने मोरी गांव तक सड़क खुलवाने के लिए विधायक धामी का आभार जताया है। देर सायं मदकोट कस्बे तक सड़क खुलने से छोटे वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है, जिससे अलग-थलग पड़े क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है। ======== 12 अगस्त को कुमाऊं कमिश्नर का घेराव करेंगे रांथी के ग्रामीण मुनस्यारी: खौफ के साए में जी रहे रांथी गांव के ग्रामीण 12 अगस्त को मुनस्यारी आ रहे कुमाऊं कमिश्नर का घेराव करेंगे। शनिवार को गांव में हुई बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें मुफ्त राशन नहीं चाहिए, बल्कि सुरक्षा चाहिए। गांव के समीप बहने वाले दोनों नालों का रू ख मोड़ने के लिए सिंचाई नहर बनाए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। गांव में रहने वाले 65 परिवार खौफ के साए में जी रहे हैं। बैठक में तय हुआ कि परेशान ग्रामीण अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। बैठक में जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, ग्राम प्रधान लवराज, बीडीसी योगेश भाकुनी, प्रेमा, दीपक जंगपांगी आदि मौजूद थे। ======== 23 दिन बाद खुला तवाघाट-दारमा मोटर मार्ग धारचूला: तवाघाट- दारमा मोटर मार्ग 23 दिन बाद आवागमन के लिए खुल गया। विधायक हरीश धामी ने अपने संसाधनों से मार्ग पर आया मलबा हटाया। लंबे समय बाद वाहनों का आवागमन शुरू हो जाने से लोगों को राहत मिली है। सड़क बंद होने से क्षेत्र में खाद्यान्न का संकट गहराने की आशंका बढ़ रही है। वर्तमान में तमाम लोग पूजा पाठ के लिए अपने मूल गांवों में गए हुए हैं। मार्ग बंद होने से ये वापस धारचूला नहीं लौट पा रहे थे। मार्ग खुल जाने के बाद अब इन लोगों की राह आसान हो जाएगी। क्षेत्रवासियों ने सड़क खोलने के लिए विधायक हरीश धामी का आभार जताया है।

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