RGA न्यूज़ लखनऊ
Muharram 2020 हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत के गम में शियों की आंखों से जार-ओ-कतार आंसू जारी हो गए।..
लखनऊ:- मरकजी चांद कमेटियों ने गुरुवार को मुहर्रम का चांद दिखने का एलान किया। इसी के साथ ही गम के महीने की पहली तारीख शुक्रवार को होगी। चांद रात से ही घरों मेें ताजिया स्थापना के लिए खरीदारी भी शुरू हो गई। मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अबुल इरफान मिया फरंगी महली, इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने चांद की घोषणा की। गम के महीने की पहली तारीख शुक्रवार को हाेगी। चांद दिखने के साथ ही पुराने लखनऊ में गम का माहौल दिखने लगा। हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत के गम में शियों की आंखों से जार-ओ-कतार आंसू जारी हो गए। पुराने शहर के शिया बाहुलय क्षेत्रों में या हुसैन... या हुसैन... की सदाएं गूंजने लगी हैं। शियों ने कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े उतार कर काले कपड़ेपहन लिए हैं। महिलाओं ने भी जेवर व चूड़ियां उतार कर काले लिबास पहन लिए। तर्बरूक, हार-फूल, अलम के लिए फूल के सेहरे, इमामबाड़े के लिए फूलों के पटके और ताबूत के लिए फूलों की चादरों की भी खरीदारी की जा रही है
जरीह व ताजियों की खरीदारी
मोहर्रम का चांद देखने के बाद अजादार अपने घरों के इमामबाड़ों को देर रात तक सजाते रहे। इमामबाड़ों में अलम-पटके, ताबूत और मिम्बर सजाकर रखे जाते हैं। इसके बाद इसमें विभिन्न प्रकार ताजिए लाकर रखे जाते हैं। जरीहयों और ताजियों की खरीदारी अजादार दिन भर करते रहे। शुक्रवार को भी जरीहयों और ताजियों की खरीदारी होगी। कुछ लोग अजाखानों को पहली मोहर्रम पर सजाते हैं। हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित कर्बला के शहीदों के गम का यह सिलसिला दो महीने आठ दिन चलेगा। इस दौरान वह अच्छे भोजन व समारोह से भी परहेज करेंगे।
आज नहीं निकलेगा शाही जरीह का जुलूस
हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके 72 साथियों की याद में पहली मोहर्रम (शुक्रवार) को आसिफी इमामबाड़े से शाही जरीह का जुलूस कोरोना वायरस को देखते हुए नहीं निकाला जाएगा। आसिफी इमामबाड़े के प्रभारी हबीबुल हसन ने बताया कि जुलूस में 22 फिट की मोम की और 17 फिट ऊंची अभ्रक की जरीह मुख्य आकर्षण का केंद्र होती थीं। यह खूबसूरत जरीह बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक हजारों अकीदत मंदों के साथ जाती थी। जिसे कोविड-19 और सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शाही जरीह के जुलूस को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जो चार जरीहयां बनी हैं उनमें एक जरीह को छोटे इमामबाड़े में एक बड़े इमामबाड़े में और दो इमामबाड़ा शाहनजफ में रखा जायेगा।
इमामबाड़ा ग़ुफरानमाब की मजलिस करने पर अड़े कल्बे जवाद
शिया धर्मगुरु व इमाम-ए-जुमा मौलाना कलबे जवाद मुहर्रम में शारीरिक दूरी के साथ और कोरोना संक्रमण की सरकारी गाइड लाइन को मानते हुए इमामबाड़ा ग़ुफरानमाब में मजलिस करने पर अड़ गए है। मौलाना ने पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय से मुलाकात कर मजलिस पर रोक हटाने की मांग की। मौलाना कल्बे जवाद ने इमामबाड़ा गुफरान मआब में मुहर्रम में होने वाली मजलिस पर रोक लगाने के संबंध ने पुलिस की ओर से दी गई नोटिस पर नाराजगी जताई। मौलाना ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जिसमे उन्होंने नोटिस को गाइडलाइन के खिलाफ और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि नोटिस लोगों को भ्रमित करने के लिए लिखा गया मालूम होता है।
मौलाना ने कहा कि अकीदतमंदो को घरों में भी ताजिया रखकर अजादारी नहीं करने दी जा रही है और ताजियों की बिक्री करने वालों को भी डराया जा रहा है। उन्होंने कहा की मोहर्रम की पहली तारीख से इमामबाड़ा गुफरानमआब के अंदर अजादारी के सभी कार्यक्रम 40 से 50 अकीदतमंदो की मौजूदगी में गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर पुलिस मेरी गिरफ्तारी करती है तो इसका विरोध न किया जाए और गाइडलाइन का पालन भी किया जाए।