RGA न्यूज़ अल्मोड़ा उत्तराखंड
जल जीवन मिशन के तहत कायरें को ठेका प्रथा से मुक्त कराने के लिए ग्राम प्रधानों ने मोर्चा खोल दिया है।...
अल्मोड़ा/चौखुटिया/धौलछीना : जल जीवन मिशन के तहत कायरें को ठेका प्रथा से मुक्त करने के मुद्दे पर ग्राम प्रधानों ने बुधवार को राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ग्रामीण स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के मकसद से पंचायतों को कार्यदायी संस्था नहीं बनाने पर जिले के सभी 11 ब्लॉक मुख्यालयों में तालाबंदी कर जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उपेक्षा जारी रहने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश नेतृत्व ने 14 अगस्त को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिल जल जीवन मिशन के कार्यो में ग्राम पंचायतों को जिम्मेदारी देने का आग्रह किया था। सरकार की ओर से सकारात्मक संकेत न मिलने पर प्रधान भड़क उठे। बुधवार को ताड़ीखेत, हवालबाग, भैंसियाछाना, लमगड़ा, ताकुला, धौलादेवी, सल्ट, स्यालदे, द्वाराहाट, चौखुटिया आदि विकासखंडों के प्रधानों ने दो दिनी तालाबंदी का ऐलान कर ब्लॉक मुख्यालय कूच किया।
इसलिए भड़का आक्रोश
प्रधान संगठन पदाधिकारियों के अनुसार स्वजल की तरह जलनिगम व जल संस्थान भी ग्राम पंचायतों को कार्यदायी संस्था बनाए। जल जीवन मिशन में विभाग से जारी निविदाएं रद कराने को प्रातीय नेतृत्व मुख्यमंत्री से मिला था मगर अनुसना किया गया। साथ ही गांवों में सुरक्षा दीवारों के निर्माण में लगी रोक हटाने, मनरेगा में सौ से बढ़ा 200 का रोजगार तथा मजदूरी 201 से 500 रुपये किए जाने की भी मांग उठा
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
ग्राम प्रधान संगठन प्रदेश सचिव गोपाल तिवारी, जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी, ताड़ीखेत ब्लॉक अध्यक्ष प्रमिला देवी, नरेंद्र सिंह अधिकारी द्वाराहाट, वीरेंद्र सिंह बिष्ट ताकुला, पवन पांडे चौखुटिया, नीमा देवी लमगड़ा, चंद्र सिंह मेहरा भैंसियाछाना, दीवान मेहता, गीता चम्याल, हरीश चम्याल, देवेंद्र सिंह कार्की, महेश बोरा, देव सिंह भोजक, गौरव काडपाल, सोनू आर्या, हेम भंडारी, अमित साह, किशोर शर्मा, धन सिंह, देवेंद्र सिंह, किशोर चंद्र, दिनेश मनराल आदि।