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RGA न्यूज़ बरेली समाचार
दारोगा के होश में आते ही कहानी बदल गई। दारोगा ने आरोप लगाया कि उसे इंस्पेक्टर कैंट के कहने पर जिस सिपाही का जन्मदिन था उसी ने गोली मारी है। ...
बरेली:- कैंट थाने के दारोगा पर गोली चलाकर खुद को घायल करने व थाने में तोड़फोड़ करने आदि आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया गया। उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। लेकिन दारोगा के होश में आते ही कहानी बदल गई। दारोगा ने आरोप लगाया कि उसे इंस्पेक्टर कैंट के कहने पर जिस सिपाही का जन्मदिन था उसी ने गोली मारी है। तर्क दिया कि कोई व्यक्ति अपनी पिस्टल से अपनी पीठ पर गोली कैसे मार सकता है। कहा कि थाने में कोई हंगामा तोड़फोड़ नहीं की है, सीसीटीवी लगे हैं वह भी चेक करवा लिए जाएं।
सोमवार रात कैंट के युग वीणा बारात घर में थाने के सिपाही अश्वनी की जन्मदिन पार्टी चल रही थी। पुलिस के अनुसार यहां नाच गाने के दौरान नशे में धुत दारोगा संजय सिंह से गोली चली जो उसकी ही पीठ में लग गई। इसके बाद दारोगा को थाने लाया गया जहां उसने जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। इस मामले में इंस्पेक्टर कैंट धर्मेंद्र सिंह से दारोगा संजय सिंह पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अभद्रता करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं एसएसपी ने मंगलवार को पूरे मामले की विभागीय जांच शुरू कराते हुए दारोगा संजय सिंह, कैंट थाने के सिपाही अश्वनी, शहर कोतवाली के सिपाही अनुज गौतम व पुलिस लाइन में तैनात सिपाही अमित कुमार को निलंबित कर दिया था।
इस मामले में देर रात तब नया मोड़ आया जब आरोपित दारोगा संजय सिंह को अस्पताल में होश आया। उसने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह के कारखास अश्वनी का जन्मदिन था। इंस्पेक्टर के कहने पर ही उसे पार्टी में बुलाया गया था। दारोगा ने कहा कि पार्टी में खाना खाने के बाद कुछ लड़कों की डीजे पर कोई बात हो गई थी। वह वहां पहुंचा और बीच बचाव किया इसी दौरान इंस्पेक्टर के कहने पर जिसका जन्मदिन था उसी सिपाही ने उसकी पिस्टल निकाल कर उसे गोली मार दी। बताया कि खनन वालों पर कार्रवाई की थी, इसके बाद से इंस्पेक्टर उससे रंजिश मानते हैं। इसके चलते ही उन्होंने यह सब कराया। बताया कि अभी हालत ठीक नहीं है, वह अभी अस्पताल में ही भर्ती है।
थाने में कई महीने से तनाव का माहौल
कैंट थाने में बीते कई महीनों से तनाव का माहौल चल रहा था। इंस्पेक्टर और स्टाफ के बीच अनबन को लेकर कई बार खबरें भी बाहर आ चुकी है। कुछ दिन पहले इंस्पेक्टर ने एक पुलिस कर्मी का सामान कमरे से बाहर कर उसे वहां से निकाल दिया था।सूत्रों की मानें तो इसके अलावा अन्य दारोगा व पुलिस कर्मियों ने भी इंस्पेक्टर की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए थे। दारोगा संजय सिंह की भी एक दो बार इंस्पेक्टर से ठीक ठाक कहासुनी हो चुकी थी।
दारोगा ने सीओ प्रथम पर भी लगाए आरोप
आरोपित घायल दारोगा संजय सिंह ने बताया कि कई महीने से थाने में उसके खिलाफ माहौल चल रहा था।सीओ प्रथम भी उससे खुश नहीं थे। आरोप लगाया कि वह हर विवेचना में कुछ न कुछ चाहते हैं, इसके चलते ही वह दवाब बनाते रहते थे। एक विवेचना में उसने आरोपित पकड़े तो वह विवेचना ही उससे हटवा दी गई। कहाकि सीओ प्रथम और इंस्पेक्टर दोनों ही कई दिनों से उसे परेशान कर रहे थे।
गलत काम नहीं करने दिए, यही मेरा दोष
इंस्पेक्टर थाने में शराब नहीं पीने दी, गलत काम नहीं करने दिए यही मेरा दोष है। जिस समय यह कांड हुआ उस वक्त चोरी के एक मामले में ठिरिया में दबिश पर था। दारोगा को गोली लगने की सूचना के बीस मिनट बाद थाने पहुंचा। इसके बाद उसे अस्पताल भिजवाया। थाने में उसने बवाल किया इसके वीडियो भी हैं। दारोगा की ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।