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। पठानकोट के थरियाल गांव में 19 अगस्त की रात को लुटेरों के हमले में घायल हुए पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना के फुफेरे भाई कौशल कुमार की भी सोमवार रात को मौत हो गई। 30 वर्षीय कौशल 12 दिन से पठानकोट के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर उनको पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर करने की तैयारी कर ही रहे थे कि इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। हमले में घायल रैना की बुआ आशा देवी की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है और वह भी वेंटिलेटर स्पोर्ट पर हैं। उधर, रैना के ट्वीट के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश पर मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है।
गौरतलब है कि रैना के फूफा अशोक कुमार की हमले वाली रात ही मौत हो गई थी। परिवार के चार लोग घायल हुए थे। अशोक कुमार की माता सत्या देवी और छोटे बेटे अपिन की हालत में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, जबकि रैना की बुआ आशा व फुफेरे भाई कौशल की हालत नाजुक बनी हुई थी। परिजन अशोक कुमार की अस्थियां विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गए हुए थे कि इसी बीच कौशल की भी जान चली गई। बुधवार को कौशल का अंतिम संस्कार किया जाएगा। कौशल प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहते थे। सिविल सर्विसेस के लिए कड़ी मेहनत करने के साथ ही ठेकेदारी में पिता का हाथ बंटा रहे थे।
सुरेश रैना ने यह किया था ट्वीट
इस मामले में रैना ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह को टैग करते हुए ट्विट किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'हमें आज तक पता नहीं कि उस रात क्या हुआ और किसने किया। मैं पंजाब पुलिस से आग्रह करता हूं कि इस मामले पर गौर करे। हमें कम से कम यह जानने का अधिकार है कि यह जघन्य कृत्य किसने किया। ऐसे अपराधियों को और अपराध करने के लिए खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।'
तरनतारन, गुरदासपुर और हिमाचल प्रदेश में भी जांच
पहेली बने लूट और हत्या के मामले में पुलिस काला कच्छा गिरोह की थ्योरी पर भी काम कर रही है, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिली। प्रदेश के तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और हिमाचल प्रदेश जाकर भी वारदात के सुराग तलाशने की कोशिश में कुछ हाथ नहीं आया। वहीं, अशोक कुमार के संपर्क भी खंगाले जा रहे हैं। एसएसपी गुलनीत खुराना ने कहा कि वारदात की हर कड़ी की गंभीरता से जांच की जा रही है। जल्द ही सफलता मिल जाएगी।