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याेजना के तहत जिले में अब तक 198 लोगों को 633 निराश्रित गाय सुपुर्द की जा चुकी हैं।...
आगरा:- मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत अब कुपोषित परिवारों को बेसहारा गाय उपब्ध कराई जाएंगी। स्थानीय स्तर पर योजना के क्रियान्वयन के लिए नई गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि यह योजना पहले से संचालित है। इसके तहत जिले में अब तक 198 लोगों को 633 निराश्रित गाय सुपुर्द की जा चुकी हैं।
कोरोना काल में तमाम लोगों के रोजगार छिन गए हैं। उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। गरीबों के यहां खाने तक के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत कुपोषित परिवारों को बेसहारा गाय उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। यह गाय कुपोषित बच्चे या महिला के परिजनों को दी जाएंगी। साथ ही उन्हें 900 रुपये प्रति महीने प्रति गाय के भरन-पोषण के लिए भी दिया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि ऐसे लोगाें को दूध देने वाली गाय ही उपलब्ध कराई जाए। ये योजना प्रदेश में पहले से संचालित है। इसके तहत जिले में अब तक 633 गाय 198 लोगाें को सुपुर्द भी की जा चुकी हैं। कुपोषित परिवारों को नई गाइड लाइन के अनुसार गाय दी जाएंगी।
फैक्ट
− कुपोषित 291 बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषित 18 गोवंश संरक्षण केंद्र हैं जिले में।
− 5300 गोवंश हैं सभी केंद्रों पर 1200 नंदी हैं नंदीशालाओं में।
− 633 गाय की जा चुकी हैं सुपुर्द।
− 198 लोगों को सुपुर्द की गई हैं गाय।
− 900 रुपये प्रतिमाह भरन-पोषण के लिए दिया जाता है।
वर्तमान में सुपुर्दगी की प्रक्रिया
एक पशुपालक को चार बेसहारा गोवंश सुपुर्द किए जा सकते हैं। इसकी संस्तुति संबंधित पशुचिकित्साधिकारी एवं ग्राम प्रधान द्वारा की जाती है। वर्तमान में गोवंश के भरन-पोषण के लिए पशुपालन को 30 रुपये प्रतिदिन प्रति पशु देने की व्यवस्था है। कुपोषित बच्चों के परिजनों को गाय देने के संबंध में अभी गाइड लाइन नहीं मिली है। गाइड लाइन के अनुसार ही इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
वर्तमान में मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत बहुत से 198 लोगों को गाय सुपुर्द की जा चुकी हैं।