लापरवाही की हद : सवालों के घेरे में खड़ा हुआ मेडिकल कॉलेज, न जाने कितने शव बदले गए होंगे  

Praveen Upadhayay's picture

RGA:- न्यूज़

सोचने भर से ह्दय कांप उठता है कि मेडिकल कालेज प्रशासन की लापरवाही के कारण कोरोना मरीज यशपाल सिंह का शव बदल दिया गया। ...

मेरठ:-सोचने भर से ह्दय कांप उठता है कि मेडिकल कालेज प्रशासन की लापरवाही के कारण कोरोना मरीज यशपाल सिंह का शव बदल दिया गया। मृतक यशपाल के फौजी दामाद ने मेडिकल कालेज प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया। आरोप है कि अगर, उनके साथ हुआ तो पकड़ में आ गया, मगर न जाने अब तक किस तरह कोरोना मरीजों के शवों को उनके परिजनों को सौंप रहे थे। शव बदले जाने की वजह से पीड़ित परिवार भी सदमे में है। शनिवार को मोदीनगर निवासी व्यक्ति के शव अंतिम संस्कार किया और रविवार को यशपाल सिंह के शव का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने किया।

शनिवार को हो गई भी मौत

मूल रूप से जानी निवासी यशपाल सिंह करीब तीन वर्ष पूर्व कंकरखेड़ा क्षेत्र की फाजलपुर स्थित गढ़वाल कालोनी में परिवार संग आकर बस गए थे। यशपाल सिंह सीबीएसई बोर्ड के दिल्ली मुख्यालय में क्लर्क के पद पर थे। परिवार में पत्नी सविता के अलावा बेटी रीनू विवाहिता, बेटा वरूण विवाहिता, अविवाहित बेटा नितिन, अविवाहित बेटी इंदू और पूनम हैं। वरूण का साला पल्हैड़ा दुल्हैड़ा निवासी अंकुर ने बताया कि शुक्रवार दिन में यशपाल सिंह को निमोनिया की शिकायत पर कैलाशी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से न्यू टीमा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया गया। शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे यशपाल सिंह की मौत की सूचना परिजनों को दी गई। शनिवार देर शाम करीब सवा सात बजे मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने शव उनके परिजनों को सौंपा। रात आठ बजे के बाद बेटे वरूण ने सूरजकुंड के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया।

शव बदलने कीमेडिकल कालेज प्रशासन ने दी जानकारी

मृतक यशपाल सिंह के दामाद बड़ौत के पास गांव खेड़ा हटाना निवासी रवि सेना में हवलदार हैं। रवि ने बताया कि रविवार दोपहर को मेडिकल कालेज से यशपाल ङ्क्षसह का शव बदलने की सूचना मिली तो परिवार में हड़कंप मच गया। बताया गया कि शनिवार को जिस शव का वरूण ने अंतिम संस्कार किया था, वह मोदीनगर निवासी गुरुवचन का शव था। यशपाल सिंह का शव रविवार को गुरुवचन के परिजन मोदीनगर ले गए, जहां जानकारी होने पर गुरुवचन के परिजनों ने हंगामा किया। कंकरखेड़ा से वरूण मोदीनगर गया और अपने पिता का शव लेकर सूरजकुंड श्मशान घाट पहुंचा और अंतिम संस्कार किया।  

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.