सीएम बघेल ने दो टूक कहा- यदि कोरोना पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो कलेक्टरों पर गिरेगी 

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RGA:- न्यूज़

सरकार ने कलेक्टरों को एक सप्ताह का मौका दिया है। इसमें परफार्मेंस सुधारने और जिला स्तर पर व्यवस्था मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है

रायपुर:-छत्तीसगढ़ में कोरोना से निपटने में असफल कलेक्टरों पर गाज गिर सकती है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दो टूक कहा कि अगर जिलों में संक्रमण पर नियंत्रण नहीं होगा, तो परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पांच से छह जिले में कमजोर परफार्मेस हैं। इन जिलों में कलेक्टरों को बदला जा सकता है।

छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा 

हालांकि सरकार इस पर विचार कर रही है कि कलेक्टरों को हटाने के बाद जो नया कलेक्टर आएगा, क्या वह स्थिति को नियंत्रण करने में सक्षम होगा। प्रदेश में राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, जांजगीर-चांपा और बस्तर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

छत्तीसगढ़ में वेंटिलेटर की कमी, सरकार ने कलेक्टरों को दिया परफार्मेंस सुधारने का मौका

एक अधिकारी ने बताया कि अगर आज की तारीख में एक हजार मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ जाएगी, तो सरकार वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं करा पाएगी। ऐसे में सरकार ने कलेक्टरों को एक सप्ताह का मौका दिया है। इसमें परफार्मेंस सुधारने और जिला स्तर पर व्यवस्था मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किसी ने नहीं देखा डॉक्टरों को 

नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के हांदावाड़ा गांव में दर्जनों ऐसे बीमार हैं, जो तिल-तिलकर मरने को मजबूर हैं। बैगा (झाड़-फूंक करने वाले पुजारी) ही उपचार करते है। गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के चारों ओर घनी झाडि़यां उग आई हैं। एक नजर देखकर ही लगता है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से किसी के कदम नहीं पड़े। इस गांव की ख्याति एक खूबसूरत जलप्रपात की वजह से है। यहां पीएचसी में छह साल पहले तीन डॉक्टरों की पदस्थापना की गई। तीनों ने एक ही दिन पहुंचकर ज्वाइनिंग दी। उसके बाद यहां किसी ने डॉक्टर को नहीं देखा है।

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