हड़ताल में पांच सौ करोड़ का बैंकिंग कारोबार प्रभावित

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बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल के कारण जनपद में करीब 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। आम लोगों समेत व्यापारियों को इस हड़ताल से काफी परेशानी हुई।..

RGA न्यूज इलाहाबाद 

इलाहाबाद : दो दिनों की बैंकों की हड़ताल के कारण शहर और अंचल क्षेत्र मिलाकर लगभग 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा है। माह का अंतिम सप्ताह होने के कारण आम लोगों और व्यापारियों की समस्याएं और भी गंभीर रहीं। बैंक कर्मियों ने हुंकार भरकर अपनी आवाज बुलंद की। वेतन संशोधन समेत विभिन्न मांगों पर सभी बैंकों का मिलाजुला विरोध प्रदर्शन रहा।

स्टेट बैंक आफ इंडिया एसोसिएशन ने मांगों को लेकर दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा। एसोसिएशन के उपमहामंत्री एस सेन गुप्ता ने कहा कि नवंबर 2017 से बैंक कर्मचारियों का 11वां वेतन समझौता लागू होना था, लेकिन छह माह बीतने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो सका। मुख्य शाखा पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में सहायक महामंत्री अनूप शर्मा, क्षेत्रीय सचिव सुशील दुबे, विमल श्रीवास्तव, नीलम उपाध्याय, सर्व प्रकाश आदि रहे। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन की सभी शाखाएं पूरी तरह से बंद रहीं। बैंक कर्मियों ने दो प्रतिशत वेतन वृद्धि का विरोध किया। सभा का नेतृत्व शशि कांत श्रीवास्तव ने किया। इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन ने भी सरकार की नीतियों की पुरजोर विरोध करते हुए अपनी शाखाओं में हड़ताल रखी । सिविल लाइन मुख्य शाखा पर उप महामंत्री मदन उपाध्याय ने आंदोलन का नेतृत्व किया। यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया इप्लाई एसोएिशन ने अल्लापुर में एकत्र होकर हड़ताल कर अपनी मांगे दोहराई। सहायक महामंत्री एसपी शर्मा ने धरने का नेतृत्व किया। उधर आल इंडिया इलाहाबाद बैंक आफीसर्स फेडरेशन ने भी वेतन विसंगतियों समेत 10 बिंदुओं का विरोध करते हुए दूसरे दिन हड़ताल जारी रखी। अध्यक्ष सुधीर कुमार गौर मंडलीय सचिव दिनेश बहादुर सिह ने मांगों को लेकर कर्मचारियों का नेतृत्व किया। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस द्वारा मुख्य शाखा पर कर्मचारियों की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि दो दिनों की हड़ताल में व्यापारिक कार्य काफी प्रभावित हुआ है। दो दिनों में बैंकों के ब्याज का जो नुकसान हुआ वह अलग है, लेकिन माह का अंतिम सप्ताह होने के कारण आम लोगों को भी अनेक दिक्कतें उठानी पड़ीं।

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