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प्रस्तावित एयरपोर्ट को विस्तार देने के लिए सरकार ने अब करीब सवा तीन सौ एकड़ और भूमि लेने की तैयारी शुरू कर दी है। एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि की पैमाइश और रजिस्ट्री जारी है।...
अयोध्या:-श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ यूं तो संपूर्ण रामनगरी की तस्वीर बदलेगी, लेकिन इसकी शुरुआत नव्य अयोध्या और श्रीराम एयरपोर्ट के विस्तार से हो रही है। श्रीराम एयरपोर्ट के लिए जनौरा, ग्रजा तथा धर्मपुर में पहले ही 261 एकड़ भूमि अधिग्रहण की तैयारी चल रही थी, जबकि प्रस्तावित एयरपोर्ट को विस्तार देने के लिए सरकार ने अब करीब सवा तीन सौ एकड़ और भूमि लेने की तैयारी शुरू कर दी है। एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि की पैमाइश और रजिस्ट्री जारी है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह विश्वस्तरीय एयरपोर्ट रामनगरी की रंगत में चार-चांद लगाएगा और बड़ी संख्या में दुनिया भर के दर्शनार्थी रामनगरी आ सकेंगे। श्रीराम एयरपोर्ट की तरह नव्य अयोध्या भी रामनगरी के लिए बेहद महती प्रकल्प के तौर पर प्रस्तुत हो रही है। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद 740 एकड़ भूमि पर नव्य अयोध्या के विकास का खाका खींच रहा है। गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने परियोजना का प्रस्तुतीकरण भी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री के स्तर से इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए पूरा समर्थन हासिल है।
वैदिक और स्मार्ट के रूप में प्रस्तावित नव्य अयोध्या में भगवान राम की संस्कृति से संबंधित देश के सभी राज्यों सहित दुनिया के दो दर्जन से अधिक देशों के लिए भूमि आरक्षित की जाएगी। नव्य अयोध्या दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित होगी और इसमें विभिन्न प्रदेशों और देशों की उपस्थिति सांस्कृतिक दूतावास के रूप में होगी। नव्य अयोध्या की सांस्कृतिक विविधता मठों, अतिथि गृहों और सामाजिक संस्थाओं के केंद्रों से भी परिभाषित होगी।
कल्पना से परे होगा अयोध्या का विकास
विधायक वेदप्रकाश गुप्त के अनुसार यह सही है कि हाल के दिनों में श्रीराम एयरपोर्ट और नव्य अयोध्या की दिशा में तेजी बरती जा रही है, लेकिन राम मंदिर के साथ भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा और अति उच्चीकृत मार्गों का निर्माण भी शीघ्र प्रस्तावित है। ये सारी योजनाएं चंद वर्षों में अयोध्या को वह ऊंचाई देंगी, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई होगी।