भाजपा विधायक  केसर सिंह गंगवार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री को लिखा पत्र     

Praveen Upadhayay's picture

 

RGA न्यूज़ संवादाता डॉक्टर एमपी सिंह 

भाजपा विधायक  केसर सिंह  गंगवार ने  स्कूल की फीस  के  मुद्दे पर छात्र-छात्राओं  की फीस माफी  ऑनलाइन  क्लासेस  पर फीस कम करने अथवा  व्यापारी नेता आशीष अग्रवाल की बेटी को परीक्षा से रोकने के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों  एवं मुख्यमंत्री को लिखा पत्र 

जिला बरेली कस्बा फतेहगज पश्चिमी के व्यापारी नेता आशीष अग्रवाल ने भाजपा विधायक केसर सिंह को अपनी पुत्री कनिष्का के हाईस्कूल के टेस्ट से रोकने व जिला विधालय निरीक्षक के माध्यम से स्कूल को क्लीन चिट देने का मामला अवगत कराया था व्यापारी नेता ने विधायक को वताया कि किस तरह जिले के स्कूल वाले लाकडाउन की फीस बसूलने के लिए नए नए हथकंडे अपना रहे हैं जिसका सीधा असर छात्र छात्राओं के जीवन पर पड़ रहा है कोरोना काल मे जहाँ एक तरफ अभिभावक अपने रोजगार से पैदल होकर अपने परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हैं वहीं दूसरी ओर स्कूल संचालक अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं व्यापारी नेता श्री अग्रवाल ने कहा कि स्कूल हर वर्ष मई, जून, जुलाई की छुट्टियों की फीस भी अभिभावकों से बसूलते थे तो कोरोना काल मे एक वर्ष फीस न लेकर कौन से बड़े नुकसान में चले जायेंगे।भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार ने व्यापारी नेता व जिले के अन्य अभिभावकों की मजबूरी को समझते हुए मुख्यमंत्री को व्यापारी नेता की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करने की सिफारिश कर डाली विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में साफ कहा कि कोरोना महामारी ने स्कूल प्रबंधन की मनमानियों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए और लाकडाउन के दौरान के समय की पूर्ण फीस माफ होनी चाहिए साथ ही उन्होंने ऑनलाइन क्लासेज पर भी स्कूलों की मौजूदा फीस पर सवाल उठाते हुए पिछले आम दिनों की फीस के मुकाबले कम करने की भी सिफारिश की। भाजपा विधायक ने व्यापारी नेता आशीष अग्रवाल की पुत्री को टेस्ट देने से रोकने पर गम्भीर अपराध बताते हुए इसे स्कूल प्रबन्धनों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने को प्रदेश सरकार से सिफारिश की श्री गंगवार ने कहा कि भाजपा सरकार में किसी भी छात्र और छात्राओं को उसके भविष्य बनाने को उसकी पढ़ाई रोकने का अधिकार नही है ऐसे लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी साथ ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद पीड़ित पक्ष की बात सुने विना दफ्तर में बैठकर शिकायत का निस्तारण कर देना जिला विधालय निरीक्षक कार्यालय की लापरवाही दर्शाता है ऐसे मामलों में अधिकारियों को जनता की शिकायतों को पारदर्शिता व ईमानदारी के साथ जांच कर कार्यवाही चाहिए।       

अभिभावकों से मिली जानकारी के अनुसार मीरगंज हरिती पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों को लॉकडाउन के समय की फीस जमा करने के लिए समय देने के प्रार्थना पत्र के साथ-साथ अभिभावकों से सालाना इनकम टैक्स रिटर्न वा बैंक स्टेटमेंट कॉपी भी मांगी है ताकि अभिभावकों की सालाना इनकम व उनके खाते के लेनदेन की जानकारी के बारे में यह पता लगाया जा सके कि अभिभावक वास्तव में भी देने में असमर्थ है या लॉक डाउन का बहाना कर रहे हैं

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.