
RGANews
विजय की 20 जून को शादी थी और 15 जून को तिलक चढ़ना था।
अखनूर में शहीद हुए जवान विजय कुमार पांडेय की सूचना जब सठिगवां गांव पहुंची तो सिर्फ विजय का परिवार ही गम में नहीं डूबा। बुढ़वा गांव के एक और परिवार पर भी गम का पहाड़ टूट पड़ा । यह घर था विजय की मंगेतर का। विजय की 20 जून को शादी थी और 15 जून को तिलक चढ़ना था। तैयारी में जुटे दोनों परिवारों में अब कोहराम मचा है।
शहीद के पिता राजू पांडेय से बातचीत में पता चला कि शनिवार शाम करीब चार बजे शाम को विजय से फोन पर उनकी बातचीत हुई थी। उन्होंने शादी की तैयारियों को लेकर चर्चा की थी तो विजय ने कहा कि वह परेशान न हों और वह दस जून तक हर हाल में आ जाएगा और उसने अवकाश के लिए आवेदन कर दिया है। उन्होंने बताया कि विजय का तिलक 15 व बारात 20 जून को थी। उसकी सगाई बुढ़वा गांव की रहने वाली लड़की से हो चुकी थी। दोनों परिवार शादी की तैयारियों में जुटे थे।
आप खयाल रखना 10 को आ जाऊंगा
पिता ने बताया कि अंतिम बार जब विजय से बातचीत हुई तो उससे कहा था, कार्ड बंटने और शादी की तैयारियां करनी हैं। भागदौड़ करने वाला कोई नहीं है, इसलिए तुम जल्दी आ जाओ। इस बात पर विजय ने कहा था सब हो जाएगा बस आप अपनी सेहत का ख्याल रखना। मैं दस जून को आकर सब कुछ संभाल लूंगा।
हमले को लेकर ग्रामीणों ने की निंदा
पाकिस्तान की इस नापाक हरकत पर ग्रामीणों में काफी आक्रोश था। उन्होंने कहा, रमजान के मौके पर जहां भारतीय जवानों को पर्व का हवाला देकर सीजफायर कराया गया है। वहीं पाकिस्तानी फौज अपनी हरकतों से बात नहीं आ रही है। भारतीय सेना को इस अराजकता का जवाब देना ही चाहिए।
न पहुंची पुलिस और न ही जनप्रतिनिधि
शहीद हुए दोआबा के बेटे की खबर फैलने के बाद भी शाम तक गांव में न तो चांदपुर पुलिस पहुंची और न ही कोई जनप्रतिनिधि। सामाजिक संगठन भी नदारद रहे। हालांकि सोशल मीडिया पर हर कोई फतेहपुर के इस जवान की शहादत को याद करता दिखा और उनके परिवार को हिम्मत देने की प्रार्थना भगवान से करता रहा।