आरएसी मुख्यालय व दरगाह अमीन-ए-शरीअत पर हुआ कुल शरीफ

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RGA न्यूज़ बरेली समाचार शाहिद अली

बरेली:- 102वें उर्स-ए-रजवी के तीसरे और आखिरी दिन दरगाह अमीन-ए-शरीअत और ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) के मुख्यालय पर कुल शरीफ के जलसे हुए। उलामा ने आला हजरत की दीनी खिदमात पर तकरीर फरमाई। दोनों जलसों में कोविड गाइडलाइंस का खास ख्याल रखा गया।

ख्वाजा कुतुब स्थित आरएसी मुख्यालय पर सुबह से ही रौनक बढ़ गई थी। नायब सदर व नबीरा-ए-आला हजरत मौलाना अदनान रजा कादरी की देखरेख में तमाम पदाधिकारी जलसे की तैयारियों में जुटे हुए थे। अकीदतमंदों के बैठने से लेकर लंगर पकने और खिलाए जाने तक के इंतजाम का जायजा मौलाना अदनान रजा ने खुद लिया। जैसे ही कुल शरीफ का जलसा शुरू हुआ, महफिल की रौनक कुछ और बढ़ गई। इस नूरानी महफिल की सदारत आरएसी के सदर हजरत मौलाना अफरोज रजा कादरी ने की और सरपरस्ती नायब सदर मौलाना अदनान रजा कादरी ने की।

इस मौके पर अपनी तकरीर में मौलाना अदनान रजा कादरी ने आला हजरत के इल्म पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि आला हजरत को बहुत सारे उलूम और फुनून पर महारत थी यही वजह है कि बड़े-बड़े उलमा जब आला हजरत की किताबें पढ़ते हैं तो हैरान रह जाते हैं और उन्हें सही मायने में आला हजरत तस्लीम कर लेते हैं। मौलाना अदनान रजा कादरी ने कहा कि हमें आला हजरत के इल्म का सिर्फ जिक्र ही नहीं करना है बल्कि यह कोशिश करना है कि हम और हमारी आने वाली नस्लें भी इल्म-ए-दीन सीखें और सिखाएं। आला हजरत के मिशन को आगे बढ़ाने का सबसे बेहतर तरीका यही है। 
इस मौके पर नबीरा ए आला हजरत आर ए सी के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल्ला मिया मौलाना मुफ्ती उमर रज़ा मौलाना कमरुज्जमा मौलाना सैफ उर रज़ा मौलाना सलीम रज़ा  ने तकरीरें कीं संचालन निजामत हाफ़िज़ इमरान रज़ा बरकाती ने की और मौलाना हमदम फैजी हाफ़िज़ फहीम अख्तर मुर्तजा मुस्तफा आजम रज़ा तहसीनी ने नातो-मनकबत का नजराना पेश किया। आखिर में मौलाना अदनान रजा कादरी ने उर्स-ए-रजवी में आने वालों के साथ-साथ उनके लिए भी दुआ की जो इस बार नहीं आ सके। उन्होंने कोरोना सहित तमाम वबाओं से हिफाजत की दुआ की। इस मौके पर अब्दुल हलीम खान अब्दुल लतीफ कुरैशी सईद सिब्तैन रज़ा  ताज खान हनीफ रज़ा अजहरी जमाल अजहरी जुनैद खान फैजान रज़ा तहसीनी तरब उद्दीन फुरकान रज़ा इश्तियाक हुसैन इब्ने हसन काशिफ रज़ा मोहमद चांद शोएब रज़ा ओवेस रज़ा शाहबाज रज़ा तौहीद रज़ा नफीस रज़ा राजू बाबा युसूफ गद्दी बब्बू गद्दी राशिद गद्दी उस्मान अली साहिल रज़ा फारूक रज़ा तहसीनी मौजूद  रहे।

उधर, कांकर टोला में खानकाह-ए-अमीन-ए-शरीअत के जलसे की सदारत नबीरा-ए-आला हजरत व जानशीन ए अमीन ए शरीयत सज्जादानशीं हजरत मौलाना सलमान रजा खां साहब ने फरमाई  और अपनी तकरीर में इल्म और उलमा की फजीलत पर रोशनी डालते हुए आला हजरत के इलमी मुकाम को बयां किया साथ ही लोगों को मसलक ए आला हजरत पर इस्तेकामत और शरीयत की पाबन्दी की ताकीद ओ तलकीन की
हजरत मौलाना सईद अख्तर भोजपुरी साहब ने हुज़ूर आला हजरत के इल्म और शान ए विलायत को बताया साथ ही हुज़ूर मुफ्ती ए आजम और हुज़ूर अमीन ए शरीयत की शान भी बयां की 
 दरगाह के प्रबंधक व नबीरा-ए-आला हजरत सुफियान रजा खां ने जलसे के तमाम इंतजामात फरमाए। इस मौके खुर्शीद मुस्तफा साहब नईम रज़ा तहसीनी  सहित कई लोगों ने तकरीरें नात ओ मनकाबात पेश कीं इस मौके पर इरशाद रज़ा राशिद रजा गयास उद्दीन काजिम रज़ा यामीन रज़ा नाजिल रज़ा नासिर रज़ा ज़हीर रज़ा सलमान रज़ा मौजूद रहे।

मौलाना अदनान रज़ा कादरी
नबिरा  ए आला हजरत नायब सदर आर ए सी 
दरगाह आला हजरत बरेली शरीफ यू पी

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