Moderna का दावा: कोरोना की वैक्‍सीन 95 फीसद से ज्‍यादा प्रभावी, रेफ्रिजरेटर में भी किया जा सकता है स्‍टोर

Praveen Upadhayay's picture

RGA न्यूज़

रोकथाम में लगभग 95 फीसद से अधिक प्रभावी

वाशिंगटन। अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना इंडस्ट्रीज ने कहा है कि उसकी प्रयोगात्मक वैक्सीन कोरोना की रोकथाम में 94.5 फीसद प्रभावी पाई गई है। कंपनी के मुताबिक उसने यह आंकड़ा वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल से मिले अंतरिम डाटा के आधार पर दिया है। एक सप्ताह में यह दूसरी अमेरिकी कंपनी है, जिसने उम्मीद से बेहतर नतीजों के बारे में जानकारी दी है। इससे पहले फाइजर ने कहा था कि उसकी वैक्सीन कोरोना रोकने में 90 फीसद से अधिक कारगर है। माना जा रहा है कि अमेरिका दिसंबर में आपात स्थिति में दो कंपनियों द्वारा बनाई गई वैक्सीन का प्रयोग करने की अनुमति दे सकता है। वर्ष के अंत तक इन दोनों वैक्सीन की छह करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हो जाएंगी। दोनों वैक्सीन को नई तकनीक पर बनाया जा रहा 

मॉडर्ना के प्रेसिडेंट स्टीफन होग ने टेलीफोन पर दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'हमारे पास जल्द ही एक ऐसी वैक्सीन आने जा रही है जो कोरोना को रोकने में कारगर होगी।' मॉडर्ना द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार उसकी वैक्सीन लगभग 95 फीसद प्रभावी है। जिन लोगों को वैक्सीन दी गई थी उनमें से केवल पांच लोगों में ही 28 दिन बाद भी संक्रमण दिखाई दिया। मॉडर्ना जो वैक्सीन बना रही है, उसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे अल्ट्रा कोल्ड स्टोरेज (अत्यधिक ठंडे) जैसे तापमान पर रखने की जरूरत नहीं होगी। इससे इसके वितरण में आसानी होगी। कंपनी का कहना है कि इसे रेफ्रिजरेटर के दो से आठ डिग्री तापमान पर 30 दिनों तक रखा जा सकता है। अगर -20 डिग्री सेल्सियस पर वैक्सीन को रखा जाता है तो यह छह महीने तक खराब नहीं होगी। बता दें कि फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस में रखने की आवश्यकता है। इसे स्टैंडर्ड रेफ्रिजरेटर तापमान पर सिर्फ पांच दिन तक रखा जा सकता है। ऑपरेशन वार्प स्पीड के तहत ही मॉडर्ना भी वैक्सीन तैयार कर रही है। कंपनी का मानना है कि वह इ

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.