प्रचार अभियान ने पकड़ी रफ्तार, मतदाताओं के घर तक पर्ची पहुंचाने में जुटे प्रत्याशी

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भाजपा के मतदाता सम्मेलनों की शृंखला में दूसरे दिन 723 सम्मेलन संपन्न हुए।

RGA न्यूज़ लखनऊ उत्तर प्रदेश सुनील यादव

लखनऊ:- उत्तर प्रदेश में विधान परिषद शिक्षक व स्नातक क्षेत्र की 11 सीटों के लिए एक दिसंबर को होने वाले मतदान के लिए प्रत्याशियों का प्रचार अभियान शुक्रवार को पूरे जोरों पर रहा। मतदाताओं के घरों पर दस्तक देकर वोटर पर्ची पहुंचाने का काम भी तेजी से चल रहा है। भाजपा के मतदाता सम्मेलनों की शृंखला में दूसरे दिन 723 सम्मेलन संपन्न हुए जिनमें उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सहित मंत्रियों व विधायकों ने केंद्र एवं प्रदेश सरकारों द्वारा शिक्षकों व स्नातकों के लिए बनायी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

भाजपा प्रदेश महामंत्री व चुनाव प्रभारी अमरपाल मौर्य ने बताया कि दूसरे दिन 723 स्थानों पर मतदाता सम्मेलनों में शिक्षकों व स्नातकों का उत्साह देखने को मिला। उन्होंने बताया कि 28 नवंबर को कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर चन्दौली, उपेन्द्र तिवारी बलिया, रमाशंकर पटेल मुगलसराय व आनन्द स्वरूप शुक्ला बलिया में आयोजित मतदाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके अलावा सभी सांसद, विधायक व प्रमुख पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में आयोजित सम्मेलनों में सम्मिलित होंगे।

अमरपाल मौर्य ने कहा कि पूर्व में अन्य दलों के लोग जो शिक्षक स्नातक क्षेत्र से चुने गए उन्होंने शिक्षकों व स्नातकों की समस्याओं को ठीक से नहीं उठाया। इसकी नाराजगी को आसानी देखा जा सकता है। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसियेशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को पत्र लिखकर भाजपा के उम्मीदवारों को समर्थन देने की घोषणा की। प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर को सौंपे पत्र में शाही ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां व योजनाएं शिक्षकों व युवाओं के हित में है।

मतदाताओं की बढ़ी संख्या ने बढ़ाई बेचैनी : विधान परिषद शिक्षक व स्नातक क्षेत्र चुनावों में बढ़ी मतदाताओं की संख्या ने उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ा दी है। शिक्षक संघों के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा वोट बनवाने में पूरी ताकत लगाने का नतीजा है कि गत चुनाव से करीब दस फीसद मतदाता बढ़ गए है। प्रदेश में शिक्षक क्षेत्र के कुल मतदाता 1,63,406 है तो स्नातक सीटों पर यह आंकड़ा लगभग 15 लाख है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के चलते बूथ संख्या में वूद्धि होने से प्रबंधन की समस्या बनी है।

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