जम्मू-कश्मीर में आज बदलेगा इतिहास, मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा के साथ कोरोना से बचाव के भी पुख्ता बंदोबस्‍त

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RGA न्यूज़ जम्मू कश्मीर

जम्मू:- जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी गोलाबारी और कश्मीर में आतंकी हमले को ठेंगा दिखाते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए शनिवार को जब लोग वोट डालने घर से निकलेंगे तो इतिहास बनेगा। यह चुनावों में लोकतंत्र को मजबूत करने में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। यह बताएंगे कि प्रदेश के लोग अमन और विकास के लिए केंद्र के हर फैसले के साथ हैं। ऐसे में इन चुनावों को पूरी तरह सफल बनाने के लिए आतंकवाद ही नहीं कोरोना संक्रमण के खतरे से निपटने की तैयारी भी कर ली है।

हेलीकॉप्टर से पहुंचाए गए पोलिंग स्टाफ

शनिवार को प्रदेश के सभी 20 जिलों के दूरदराज के इलाकों में 43 सीटों के लिए मतदान होना है। ऐसे में शुक्रवार को पोलिंग स्टाफ के साथ सुरक्षाबलों ने प्रदेश में बनाए गए 2146 मतदान केंद्रों में डेरा डाल लिया। कई दूरदराज इलाकों में हेलीकॉप्टर से पोलिंग स्टाफ को पहुंचाया गया है।

165 अतिरिक्त कंपनियांं तैनात

चुनाव को सुरक्षित बनाने के लिए पहले से मौजूद सुरक्षाबलों के साथ 165 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। चुनाव की सुरक्षा को लेकर तीन स्तर पर बंदोबस्त किए गए हैं। सेना व सीमा सुरक्षाबल आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाएंगे। दूसरे चक्र में सुरक्षाबल कस्बों व गांवों में कानून एवं व्यवस्था बनाएंगे। तीसरे चक्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस व केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल मतदान केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

कोरोना से सुरक्षा के भी बंदोबस्त

प्रदेश चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान केंद्रों में कोविड-19 की रोकथाम को लेकर भी पूरे प्रबंध किए गए हैं। केंद्रों में सैनिटाइजर के साथ थर्मल स्कैनर भी उपलब्ध रहेंगे। अगर किसी मतदाता के पास मास्क नहीं होगा तो उसे वह भी उपलब्ध करवाने का बंदोबस्त किया गया है।

सरपंचों के उपचुनाव भी साथ-साथ चलेंगे

राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने बताया कि डीडीसी चुनाव के साथ पंचायत की खाली पड़ी 94 सीटों के लिए भी उपचुनाव होगा। सरपंच के लिए मैदान में आए 279 उम्मीदवारों में 203 पुरुष व 76 महिलाएं हैं। वहीं, पंचों की 368 सीटों के लिए मैदान में आए 852 उम्मीदवारों में 635 पुरुष व 217 महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि 36 सरपंच और 768 पंच निर्विरोध चुने गए हैं। 

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