गंगा मैया की पावन धरती पर गंगा मां बहती है, वो मेरे देश की धरती है.

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पावन गंगा के पर्व पर विशेष रचना

RGA न्यूज़ प्रधान संपादक
 बरेली:-  गंगl की पावन धरती पर गंगा मां बहती है, वो मेरे देश की धरती है.
जिसके बलिदानों की गाथा हर शै कहती है, वो मेरे देश की धरती है.. 
   लाखों अत्याचार हुए हैं अपनी धरती पर. 
     कितने कत्लेआम हुए हैं पावन धरती पर. 
     हर पापी अन्यायी को गंगा ही सहती है, वो मेरे देश की धरती है. जिसकी...... 
मोक्षदायिनी मां गंगा को मिलकर शुद्ध करो.
सतत प्रवाहित रहने दो बस मत अवरुद्ध करो.
भारत के भंडारों को गंगा मां भरती है, वो मेरे देश की धरती है.. 
जिसके...... 
     सभी प्रदूषण से हम इसको आओ मुक्त करें.
   अंतरमन के हर पुण्यों से इसको युक्त करें
     गंगा की महिमा हरदम परिवर्तन करती है, वो मेरे देश की धरती है.
जिसके...... 
              रचयिता- इंद्र देव त्रिवेदी
214, बिहारी पुर खत्रियान, बरेली ( उत्तर प्रदेश) मो. 9359106329

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