

RGA न्यूज़ पीलीभीत समाचार
पीलीभीत:- बीसलपुर विकास खंड क्षेत्र में तीन गोशाला संचालित हो रही हैं। क्षमता से अधिक पशु रखे गए हैं। सर्दी बढ़ने के साथ ही जिलाधिकारी के निर्देश पर गोशाला में तिरपाल लगाकर गायों को ठंड से बचाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। गन्ने के अंगोले के अलावा भूसा, चोकर पशुओं को दिया जा रहा है।
प्रशासन के निर्देश पर लगभग एक वर्ष पूर्व नगर के निकट कासिमपुर मार्ग स्थित पालिका परिषद की खाली पड़ी भूमि पर गोशाला का निर्माण कराया गया। गोशाला का निर्माण होने के बाद इसमें बेसहारा घूम रहे गोवंशीय पशुओं को पकड़ कर वहां रखा जाना शुरु कर दिया गया। इस समय गोशाला में 90 पशु पल रहे हैं जबकि इसकी क्षमता 70 पशुओं को रखने की है। गोशाला प्रभारी उपेंद्र शंखधार ने बताया कि सर्दी का मौसम शुरू होते ही इन गोवंशीय पशुओं ठंड से बचाने के लिए रात्रि के समय चारों ओर तिरपाल से ढंक दिया जाता है। पशुओं को खाने के लिए हरे चारे के लिए आजकल गन्ने का अंगोला उपयोग में लाया जा रहा है। इसके अलावा भूसा भी पशुओं को दिया जाता है। गोशाला में बाउंड्रीवाल नहीं है। पशुओं को घूमने के लिए स्थान पर्याप्त नहीं है। जिसके कारण यह सभी पशु अपने स्थान पर ही बंधे रहते हैं। उन्होंने बताया की पीलीभीत की फर्म मंदाकिनी द्वारा गोशाला में मशीन लगाकर गोबर से दो-दो फीट लंबे रोल बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिनकी बिक्री बाजार में की जाएगी। ग्राम कितना पुर में गोशाला में 30 गोवंश रखे गए हैं। यहां पशुओं को परिसर में उगाई गई नेपियर घास दी जा रही है। गोबर को एकत्र कर उसकी कंपोस्ट खाद बनाने का कार्य चल रहा है। ग्राम शायर की गोशाला में 27 गोवंश पशु रह रहे हैं। एडीओ पंचायत अमरीश कुमार का कहना है कि शायर में समूह की महिलाओं को गोबर से छोटे छोटे लट्ठे बनाए जाने की ट्रेनिग दी जा चुकी है। मशीनें आते ही समूह की महिलाएं अपना काम शुरू कर देंगी ये लट्ठे कोयले से अधिक ज्वलनशील होंगे। ग्राम सिधोरा खड़कपुर की गोशाला में 29 बिलसंडा नगर में अस्थाई गोशाला में 60 भीकमपुर बकैनिया में 48, करेली में 179, दियोरिया कला में 48 पशु रखे गए हैं।