क्वारंटाइन होने के भय से अस्पताल नहीं जा रहे लोग

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RGA न्यूज़ उत्तराखंड लोहाघाट चंपावत

लोहाघाट:-  कोरोना महामारी के दौर में लोग आइसोलेट और क्वारंटाइन होने के भय से छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज कराने के लिए अस्पताल नहीं जा रहे हैं। दवा घर में ही मंगाकर उपचार किया जा रहा है जो काफी खतरनाक हो सकता है।

ठंड के मौसम में सर्दी, खासी, बुखार आदि बीमारियां बढ़ रही हैं, लेकिन अधिकांश लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जा रहे हैं। उन्हें भय है कि कोरोना के लक्षण की बात कहते हुए डाक्टर उन्हें कहीं आइसोलेट या फिर क्वारंटाइन में जाने को न कह दें। इधर डाक्टरों का मानना है कि लोगों की यह धारणा न केवल गलत है अपितु स्वयं और परिवार के लिए भी घातक हो सकती है। सीएचसी लोहाघाट के प्रभारी सीएमएस डा. जुनैद कमर का कहना है कि ठंड के मौसम में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना है। जिन लोगों को इस मौसम में सर्दी, खासी, बुखार आदि की शिकायत होती है तो वह बिना देर किए अस्पताल में अपना चेकअप कराएं। अस्पताल में पहले उनकी कोविड-19 की जाच की जाएगी। अगर संक्रमण नहीं है तो वह सामान्य फ्लू है। उन्होंने सलाह दी है कि किसी प्रकार की बीमारी होने पर तुरंत निकट के अस्पताल से संपर्क करें। जब तक जांच न हो जाए तब तक परिवार एवं बाहरी लोगों के सीधे संपर्क में आने से बचें।

उधर भारत-नेपाल सीमा पर लगे स्वास्थ्य विभाग के मेडिल कैंप में शुक्रवार को चार नेपाली नागरिक कोरोना पाजिटिव निकले, जिन्हें नेपाल को वापस भेज दिया गया है। डा. मोहम्मद उमर ने बताया कि शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा पर लगे मेडिकल कैंप में नेपाल से भारत आ रहे 120 नेपाली नागरिकों के आरटीपीसीआर और 104 के एंटीजन टेस्ट किए गए, जिसमें चार लोग पाजिटिव पाए गए। इन सभी को नेपाल भेज दिया गया है।

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