अफसरों और उलमा की मीटिग में सुलझा मजार का विवाद

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RGA न्यूज़ रामपुर समाचार

रामपुर :- किले में जंजीर शाह मियां का मजार तोड़ने को लेकर चल रहा विवाद अफसरों और उलमा की मीटिग में निपट गया। जिलाधिकारी ने कहा कि वह किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते। लोगों की भावनाओं को देखते हुए वहां निशानदेही कर कब्रनुमा निर्माण कराया जाएगा। लेकिन, वहां किसी को कोई इबादत नहीं करने दी जाएगी। इस पर कोई मुतवल्ली नहीं होगा, बल्कि इसकी देखरेख उद्यान विभाग करेगा, क्योंकि यह उद्यान विभाग की जमीन है।

शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में उलमा और अफसर जमा हुए। उलमा के साथ सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता भी थे। लेकिन, जिलाधिकारी ने उनसे कह दिया कि यह कोई बहस का मुद्दा नहीं है। हम लोग आपस में चर्चा करके सुलझा लेंगे। इसके बाद शहर इमाम मुफ्ती महबूब अली, काजी ए शरआ व जिला मुफ्ती फैजान मियां, फरहत मियां, मौलाना अंसार अहमद कासमी ने भी अपनी बात रखी। कहा कि जंजीर शाह मियां का मजार रियासत से पहले से था। किताबों में भी इसका जिक्र है। 1991 के गजट में 1601 नंबर पर इस मजार का जिक्र है। वक्फ बोर्ड में 1776 नंबर पर इसका रजिस्ट्रेशन है। रामपुर रजा लाइब्रेरी में मौजूद तस्करा-ए- कामिलाने रामपुर नाम की किताब में पेज 95 पर भी इसका जिक्र है। शहर इमाम ने कहा कि वह बचपन से देखते आए। अफसरों ने कहा कि वहां नशेड़ी और असमाजिक तत्व जमा होते थे और उद्यान विभाग की जमीन पर अतिक्रमण था। कुरआन के सिपारे की बेहुरमती की बात करके माहौल खराब करने का प्रयास किया गया। ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। करीब दो घंटे चली मीटिग के बाद विवाद सुलझ गया। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि उलमाओं से विचार विमर्श करके निशानदेही कराई जाएगी और एक सप्ताह के अंदर ही कब्रनुमा चबूतरा बनवा दिया जाएगा। इसका निर्माण सरकारी धन से नहीं, बल्कि वह खुद व्यक्तिगत तौर पर कराएंगे। डीएम ने पहले ही कहा था कि अगर कोई साबित कर दे कि यहां जंजीर बाबा का मजार था तो वह अपनी सैलरी से निर्माण करा देंगे। अब उनका कहना है कामिलाने रामपुर में जंजीर शाह बाबा का जिक्र है, लेकिन उसकी व्याख्या दोनों पक्ष अलग-अलग नजरिये से कर रहे हैं। किताब में लिखा है कि नामोनिशान बाकी नहीं रहा। लेकिन, उलमा कह रहे हैं कि किले के अंदर ही रंगमहल के पास मजार था। लोगों की भावनाओं को देखते हुए निशानदेही कर कब्रनुमा चबूतरा बनवा दिया जाएगा। बैठक में हाफिज साहब की दरगाह के सज्जादानशीन फरहत मियां जमाली, जमीअत उलमा ए हिद के जिलाध्यक्ष मौलाना असलम जावेद कासमी, शिया इमाम जमा बाकरी, आल इंडिया मुस्लिम फैडरेशन के प्रदेश महासचिव हाजी मुहम्मद जमीर रिजवी, मुकर्रम रजा इनायती, मौजूद रहे।

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