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एडीलेड, प्रेट्र। टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट मैच के पहले दिन दो सत्र में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन हीं कर पाई, लेकिन टीम ने तीसरे सत्र में अच्छी बल्लेबाजी की। टीम के बल्लेबाज पुजारा ने भी कहा कि, पहले दिन भारतीय बल्लेबाजी धीमी नहीं रही। पुजारा ने इस मैच में 160 गेंदों पर 43 रन बनाए और उन्हें अपना पहला चौका लगाने के लिए 148 गेंदों का इंतजार करना पड़ा। वहीं भारत ने खेल के पहले दिन 6 विकेट पर 233 रन बनाए।
पुजारा का मानना है कि अगर भारतीय टीम पहली पारी में 350 रन बना लेती है तो ये अच्छा स्कोर रहेगा। उनसे मैच के बाद पूछा गया कि क्या वह अपनी पारी में थोड़ा तेजी दिखा सकते थे, तो इस बल्लेबाज ने ना में जवाब दिया। उन्होंने भारत के पहले सत्र में 41 और दूसरे सत्र में 66 रन बनाने का बचाव किया। उन्होंने कहा कि नहीं कतई नहीं। पहले दो सत्र में हम बहुत अच्छी स्थिति में थे।
पुजारा ने कहा कि जब गेंद स्विंग कर रही थी तो हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत थी कि हम विकेट न गंवाये। यह टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से शानदार दिन था और रणनीति को लेकर हमें कोई खेद नहीं है। हम शॉट खेलकर अधिक विकेट नहीं गंवा सकते थे और नहीं चाहते थे कि हमारी पूरी टीम दिन में आउट हो जाएं। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी शैली का भी बचाव किया क्योंकि विकेट शॉट खेलने के लिये उपयुक्त नहीं था।
पुजारा ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में धैर्य की जरूरत होती है। अगर विकेट सपाट होता है तो आप आक्रामक हो सकते हो लेकिन जब उससे गेंदबाजों को मदद मिल रही हो तो आप बहुत अधिक शॉट नहीं खेल सकते। उन्होंने कहा कि विदेशी कंडीशन में आप पहली पारी में 200 से कम का स्कोर नहीं चाहते। पहले दो सत्र में गेंदबाज और पिच दोनों तरोताजा थे।
पुजारा का मानना है कि मैच पर अभी दोनों टीमों की समान पकड़ बनी हुई है हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कप्तान विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के आउट होने से आस्ट्रेलिया थोड़ा फायदे की स्थिति में है। डिनर ब्रेक के बाद नाथन लियोन और पुजारा के बीच गजब की जंग देखने को मिली और भारतीय बल्लेबाज ने आस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर की पिछले पांच वर्षों में विश्वस्तरीय गेंदबाज बनने के लिये प्रशंसा की। पुजारा ने कहा कि उन्होंने अपनी गेंदबाजी में काफी सुधार किया है और उनकी लाइन व लेंथ में काफी सुधार हुआ है।