भय्यूजी महाराज ने गोली मारकर की खुदकुशी, पढ़ें उनका सुसाइड नोट    

Raj Bahadur's picture

RGANews

संत और आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज (उदय राव देशमुख) ने मंगलवार को खंडवा रोड स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अजय कुमार शर्मा ने बताया, “भय्यूजी महाराज का उपचार के दौरान अस्पताल में निधन हो गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।” 

आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज ने खुद को गोली मारी, हुई मौत

सूत्रों का कहना है कि भय्यूजी महाराज ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपने सिर में गोली मारी। वह अपने खंडवा रोड स्थित इलाके के अपने मकान की पहली मंजिल पर थे। गोली की आवाज सुनने के बाद उनके आवास में मौजूद लोग उनके कमरे की ओर दौड़े। उन्होंने लहूलुहान भय्यूजी को बॉम्बे अस्पताल पहुंचाया। उन्हें आईसीयू में भतीर् किया गया, उपचार चला, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका। 

इस बीच भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट भी सामने आया है, जिससे साफ पता चल रहा है कि भय्यूजी महाराज काफी तनाव में थे और शायद इसी वजह से उन्होंने खुदकुशी कर ली।  नोट में अंग्रेजी में लिखा गया है, 'किसी को वहां परिवार की देखभाल के लिए होना चाहिए। मैं जा रहा हूं... काफी तनावग्रस्त, परेशान था।' पुलिस महानिरीक्षक मकरंद देवस्कर ने कहा है कि सुसाइड नोट और पिस्टल को बरामद कर लिया गया है। सभी पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जाएगी। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी, “संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।”

उदय सिंह देशमुख उर्फ भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है। उनका कांग्रेस और आरएसएस के लोगों से करीबी रिश्ते हैं। वह समाज के लिए लगातार तरह-तरह के कार्यक्रम चलाते रहे। वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने पिता के रूप में अपना नाम दिया था। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद पिछले साल 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने गवालियर की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 'राज्यमंत्री' का दर्जा दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था। 

भय्यूजी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे संबंध थे।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.