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RGANews
शाहजहांपुर - चार माह से लापता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभाकर मिश्रा की लाश गुरुवार को उनके ही घर के सेप्टिक टैंक में मिली। प्रेम संबंधों में बाधक बनने पर पत्नी शिल्पी ने ही प्रेमी के साथ वारदात को अंजाम दिया था। शव को गलाने के लिए टैंक में तीन बोरी नमक भी डाला गया था।
घर वालों को गुमराह करने के लिए शिल्पी ने ही थाने में पति की गुमशुदगी भी दर्ज करा दी। चार महीने तक चली पड़ताल के बाद पुलिस ने शक के आधार पर प्रधानाचार्य की पत्नी शिल्पी और उसके प्रेमी विजय प्रताप को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की तो राज खुला। सेप्टिक टैंक से सड़ा-गला शव बरामद करने के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम को भेजा है।
कानपुर के थाना बर्रा के मोहल्ला करही के रहने वाले प्रभाकर मिश्रा (35) मिर्जापुर थाने के गांव ढाई स्थित स्वामी रामाधार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य थे। वह पत्नी शिल्पी और बच्चों के साथ मिर्जापुर कस्बे में पूर्व प्रधानाचार्य डीपी सिंह के मकान में किराये पर रहते थे। प्रभाकर 25 जनवरी को लापता हो गए तो पत्नी शिल्पी उर्फ माया मिश्रा ने 30 जनवरी को उनकी गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस ने शक के आधार पर मकान मालिक डीपी सिंह के पुत्र विजय प्रताप सिंह उर्फ छोटू को हिरासत में लिया तो शिल्पी ने इसका विरोध किया। उसे निर्दोष बताते हुए थाने से भी छुड़वा लिया।
प्रभाकर की मां बिटान मिश्रा, भाई अजीत मिश्रा और बहन तन्नू त्रिपाठी खुलासे के लिए लगातार अधिकारियों से मिल रहे थे। इस बीच पत्नी शिल्पी और उसके प्रेमी विजय प्रताप पर पुलिस का शक गहरा गया। वे दोनों भी लापता हो गए। सर्विलांस के जरिए दोनों की लोकेशन ट्रेस करने के बाद पुलिस ने उन्हें बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ के बाद पहाड़पुर के शिवम राठौर को भी गिरफ्तार किया गया।