कौन है इस जगत में जो श्रीराम को जानता नहीं। जो राम को जानता नहीं वो स्वयं को जानता नहीं।।

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RGA न्यूज बरेली अमित मिश्रा

शिव समाज सेवा उत्थान समिति संस्था अध्यक्ष आशीष शुक्ल कहते हैं कि सनातनधर्म में श्रीराम चन्द्र भगवन् का अनुसरण करने वाले अनेकों वैष्णव संप्रदाय में जन्मे नागरिक हैं। हम सभी सनातनधर्मी श्री राम चन्द्र जी को अपना आराध्य देव स्वरूप मानते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं अयोध्या भारत की अत्यंत पावन भूमि है जिस पर ईश्वर के रूप में पूजे जाने वाले भगवान श्रीराम जी का भव्य मंदिर बन रहा है आज सनातन संस्कृति का उदय वा प्रचार-प्रसार तीव्र गति से बढ़ गया है। जगह-जगह पर इस समय मंदिर की चर्चा चल रही है कुछ अन्य समुदायों के लोगों में मंदिर को लेकर विरोधाभास की भावना उत्पन्न हो रही हैं फिर भी हमारे सनातन संस्कृति के रक्षक रात दिन संपूर्ण निष्ठा के साथ श्रीराम जन्मभूमि स्थान को सुसज्जित करने में लगे हुए हैं। आज संपूर्ण विश्व में निवास करने वाले भारतीयों के आस्था केन्द्र अयोध्या नगरी उत्तर प्रदेश भारत की पहचान बन चुकी है यह अद्भुत पल कभी ना भुलाया जाने वाला प्रेम पल है।
जो आज हम सभी श्रीराम मंदिर को बनता हुआ देख रहें हैं इस दृश्य को देखने के लिए अनेकों सनातन हिन्दूधर्म के अनुयाई दिवंगत आत्मा हो गये। जिन्हें राम मन्दिर देखने का अवसर भी नहीं प्राप्त हुआ। मेरी आंखों में आंसू हैं इस लेख को लिखते वक्त मैं आशीष शुक्ल उन सभी दिवंगत आत्माओं को आत्मसात करते हुए सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। और उनकी पीढ़ी में सदैव श्रीराम के प्रति आस्था बनी रहे ऐसी आशा करता हैं। 

महान् कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस की रचना कर मानवता के प्रति आस्था जगाई है जो भी श्रृद्धाभाव सहित श्री राम की पूजा करता है उसकी आकांक्षाओं का पूर्ण होना निश्चित हो जाता है। इस कलियुग में मनुष्य को जीने का ढंग सिखाती है श्रीरामचरितमानस, इस लिए नित्य पाठ करे कलयुग का जनमानस।
जय श्रीराम जय श्रीराम

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