न केवल देश, बल्कि आज पूरी दुनिया में लोग खुद को निरोग रखने के योग कर रहे हैं।...
ब्यूरो चीफ: रामजी यादव
RGA न्यूज लखनऊ : न केवल देश, बल्कि आज पूरी दुनिया में लोग खुद को निरोग रखने के लिए योग कर रहे हैं। कई मुस्लिम देशों ने भी योग को अपनाया है। ¨हदू हो या मुस्लिम, हर कोई इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखने के लिए योग कर रहा है। अब हर जगह सुबह-सुबह योग की पाठशाला लगती है, जहां सभी कौम और मिल्लत के लोग एक साथ योग करते हैं। योग को किसी एक धर्म विशेष से जोड़कर देखना गलत है। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है, इस संबंध में जब मुस्लिम उलमा से बात की गई तो उनका कहना था कि योग को धर्म से नहीं सेहत से जोड़कर देखना चाहिए। इसलिए योग के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए।
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस्लाम इतना कमजोर मजहब नहीं कि योग करने से खतरे में पड़ जाए। योग ¨हदुस्तान की ईजाद है, जिसको आज पूरी दुनिया में पहचान मिल रही है। मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि योग का संबंध इंसान के स्वास्थ्य से है न कि किसी धर्म विशेष से। इसलिए योग के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए हर धर्म के लोग मिलकर योग कर रहे हैं। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि योग करने से इंसान अपने शरीर को स्वस्थ रख सकता है, लेकिन योग के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए। आप जबरदस्ती किसी को योग करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। जिसकी इच्छा है वह करे, जिसकी नहीं है वह न करे। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि मुसलमान योग के खिलाफ नहीं है। दुनिया ने आज योग को पहचाना है और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है, जबकि इस्लाम ने 1400 साल पहले नमाज पढ़ने का हुक्म दिया, जो खुद एक योग है। किसी व्यक्ति या धर्म विशेष पर जबरन योग थोपना संविधान के खिलाफ है।