रुहेलखंड विश्वविद्यालय एनएसएस इकाई ने मनाया मातृभाषा दिवस 

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RGA न्यूज़ संवादाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह

जनपद बरेली _महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन दिवस पर अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया । इसके उपलक्ष्य में स्वयंसेवकों ने अपनी मातृभाषा को सही से जानने और उसके विस्तार के लिए विचार विमर्श किया। तथा पोस्टर और स्लोगन के जरिए एक रैली को ग्राम डोहरा गौटिया में किया गया और लोगो को अपने मातृभाषा को गर्व से बोलने और उसका विस्तार करने के लिए जागरूक किया गया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ बृजेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पूरे एक सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा जिसमे अनेकों गतिविधियों के माध्यम से लोगो को जागरूक किया जाएगा । यह 21 फ़रवरी से 28 फ़रवरी तक मनाया जाएगा। डॉ बृजेश कुमार ने मातृभाषा दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि विश्व में भाषाई व सांस्कृतिक विविधता व बहुभाषिता को बढ़ावा देने और विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। इस साल उन्नीसवें मातृभाषा दिवस की थीम- विकास, शांति और संधि में देशज भाषाओं के मायने है। जिसके बाद टीम लीडर मोहित शर्मा ने मातृभाषा दिवस के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि 21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं लेकिन लगातार विरोध के बाद सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा। भाषायी आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने पहली बार 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।दुनिया में अगले 40 साल में चार हजार से अधिक भाषाओं के खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। भारत विविध संस्कृति और भाषा का देश रहा है। 1961 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिलहाल 1365 मातृभाषाएं हैं, जिनका क्षेत्रीय आधार अलग-अलग है। अन्य मातृभाषी लोगों के बीच भी हिंदी दूसरी भाषा के रूप में लोकप्रिय है।छोटे भाषा समूह जब एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसते हैं तो वे एक से अधिक भाषा बोलने-समझने में सक्षम हो जाते हैं। 43 करोड़ लोग देश में हिंदी बोलते हैं, इसमें 12 फीसद द्विभाषी है। 82 फीसद कोंकणी भाषी और 79 फीसद सिंधी भाषी अन्य भाषा भी जानते हैं। हिंदी मॉरीशस, त्रिनिदाद-टोबैगो, गुयाना और सूरीनाम की प्रमुख भाषा है। कार्यक्रम में हरिकेश पटेल,मोहित,दीपांशी,हर्षिता, रितवेश आदि उपस्थित रहें।

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