बरेली के गांव आमखेड़ा में किसानों ने बीजेपी के विरोध में लगाये पोस्टर लिखा (बीजेपी व किसान विरोधियों का गांव में आना मना है) 

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RGA न्यूज़ संवादाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट 

जनपद बरेली बहेड़ी _कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में बढ़ रहा गुस्सा अब बीजेपी नेताओं की तरफ भी घूमने लगा है.बहेड़ी तहसील के गांव आमखेड़ा में बाकायदा एक बैनर लगा दिया गया है,जिस पर लिखा हुआ है कि इस गांव में बीजेपी और किसान विरोधी नेताओं का आना सख्त मना है. कृषि कानूनों के खिलाफ यहां के किसानों में भी गुस्सा अब साफ नज़र आने लगा है.किसान अब अपने गुस्से को तरह-तरह से ज़ाहिर भी कर रहे हैं.गांव-गांव पंचायतें हो रही हैं.किसानों का गुस्सा बीजेपी नेताओं पर भी दिख रहा है.आमखेड़ा गांव में लगाया गया बैनर इसी बात का सबूत है. उधर 1 मार्च को रुद्रपुर में किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायत है.किसान इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए प्रचार कर रहे हैं.गांव-गांव लोगों को महापंचायत में शामिल होने के लिए अपीलें हो रही हैं. इधर पूर्व प्रत्याशी नसीम अहमद भी लगातार गांव-गांव जाकर पंचायतें कर रहे हैं,और किसानों को लामबंद करने में लगे हैं.आज उन्होंने गांव आमखेड़ा में पंचायत की.यहां उन्होंने किसानों को केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान बताए.कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन और उनकी मांग को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है,और किसानों को पाकिस्तानी-खालिस्तानी बताने में लगी है.नसीम ने कहा कि इन कृषि कानूनों से सिर्फ किसान ही बर्बाद नहीं होने वाले,बल्कि देश का हर गरीब और मध्यम वर्गीय नागरिक इन कानूनों की मार से बच नहीं पाएगा.पूर्व प्रत्याशी ने किसानों से इन तीनों कानूनों की वापसी तक संघर्ष जारी रखने की अपील करते हुए उनको किसानों के हक़ की लड़ाई में हर स्तर पर साथ रहने का भरोसा भी दिया.

के गांव आमखेड़ा में किसानों ने बीजेपी के विरोध में लगाये पोस्टर लिखा बीजेपी व किसान विरोधियों का गांव में आना मना है

RGA न्यूज़ संवादाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह 

जनपद बरेली बहेड़ी _कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में बढ़ रहा गुस्सा अब बीजेपी नेताओं की तरफ भी घूमने लगा है.बहेड़ी तहसील के गांव आमखेड़ा में बाकायदा एक बैनर लगा दिया गया है,जिस पर लिखा हुआ है कि इस गांव में बीजेपी और किसान विरोधी नेताओं का आना सख्त मना है. कृषि कानूनों के खिलाफ यहां के किसानों में भी गुस्सा अब साफ नज़र आने लगा है.किसान अब अपने गुस्से को तरह-तरह से ज़ाहिर भी कर रहे हैं.गांव-गांव पंचायतें हो रही हैं.किसानों का गुस्सा बीजेपी नेताओं पर भी दिख रहा है.आमखेड़ा गांव में लगाया गया बैनर इसी बात का सबूत है. उधर 1 मार्च को रुद्रपुर में किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायत है.किसान इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए प्रचार कर रहे हैं.गांव-गांव लोगों को महापंचायत में शामिल होने के लिए अपीलें हो रही हैं. इधर पूर्व प्रत्याशी नसीम अहमद भी लगातार गांव-गांव जाकर पंचायतें कर रहे हैं,और किसानों को लामबंद करने में लगे हैं.आज उन्होंने गांव आमखेड़ा में पंचायत की.यहां उन्होंने किसानों को केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान बताए.कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन और उनकी मांग को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है,और किसानों को पाकिस्तानी-खालिस्तानी बताने में लगी है.नसीम ने कहा कि इन कृषि कानूनों से सिर्फ किसान ही बर्बाद नहीं होने वाले,बल्कि देश का हर गरीब और मध्यम वर्गीय नागरिक इन कानूनों की मार से बच नहीं पाएगा.पूर्व प्रत्याशी ने किसानों से इन तीनों कानूनों की वापसी तक संघर्ष जारी रखने की अपील करते हुए उनको किसानों के हक़ की लड़ाई में हर स्तर पर साथ रहने का भरोसा भी दिया.

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