लीला के ग्यारहवें दिन श्री अगस्त्य मुनि द्वारा राम को अस्त्र- शस्त्र प्रदान करने की लीला का मंचन हुआ
सूपर्नखा की नाक काटी गई और खरदूषण का वध हुआ.
श्री राम लीला सभा, ब्रह्रम पुरी, बरेली के तत्वावधान में लीला के ग्यारहवें दिन लीला का मंचन छोटी बमनपुरी स्थित श्री अगस्त्य मुनि आश्रम पर हुआ. यहाँ अगस्त्य मुनि ने राम को अमोघ अस्त्र शस्त्र प्रदान किए और उनके प्रयोग की विधि तथा उन्हें सुरक्षित रखने के उपाय भी बताए. राम ने अगस्त्य मुनि से कहा-
" अब सो मंत्र देहु प्रभु मोही.
जेहिं प्रकार मारौं मुनि द्रोही."
राम के इस प्रकार आग्रह करने पर मुनि ने विविध प्रकार के अस्त्र शस्त्र प्रदान किए तथा कहा कि इनका सावधानी से प्रयोग करना. तत्पश्चात् राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ आसुरी शक्तियों के विनाश और ऋषियों मुनियों की रक्षा करने के लिए यज्ञा किया. शोभा यात्रा के रूप में राम, सीता, लक्ष्मण वापस बड़ी ब्रह्रम पुरी स्थित लीला स्थल पर आये.
लीला के दूसरे चरण में राम से दुराग्रह पूर्वक विवाह करने की जिद वाली सूपर्नखा को राम ने समझाया कि वो विवाहित हैं लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी. सूपर्नखा ने कहा कि-
" मम अनुरूप पुरुष जग माहीं.
देखेऊं खोजि लोक तिहु नाहीं.
फिर लक्ष्मण ने भी उसे बहुत समझाया लेकिन सूपर्नखा नहीं मानी. अंततः लक्ष्मण ने उसे नाक कान विहीन कर दिया. बिना नाक कान के विकराल हो गई. उसके शरीर से रक्त ऐसे बह रहा था जैसे गेरू की धारा बह रही हो. वो विलाप करती हुई खर- दूषण के पास गई. खर- दूषण ने सेना तैयार कर बड़ा भयंकर युद्ध किया पर राम के तीक्ष्ण बाणों से वे मारे गए.
आज की लीला में विशेष सहयोग अतुल कपूर, राधाकृष्ण शर्मा प्रहलाद, इंद्र देव त्रिवेदी, अमित अरोड़ा, सुनील मिश्रा, राधाकृष्ण रस्तोगी, पंकज मिश्रा, विवेक शर्मा, के. के. शंखधार, दीपांश दीप, विजय शंकर पांडे, अमित मिश्रा, प्रखर मिश्रा, विशाल मेहरोत्रा, जनार्दन आचार्य, प्रभाकर शर्मा, राकेश शंखधार, रंजीत रस्तोगी पंकज उपाध्याय का विशेष सहयोग रहा
: विशेष:
कल 3.4.2021 को सायं 7.00 बजे से सीता हरण, राम सुग्रीव मित्रता, बालि वध और लंकादहन की लीला होगी.