चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों ने की मां ब्रह्मचारिणी देवी को पूजा-अर्चना

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चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों ने की मां ब्रह्मचारिणी देवी को पूजा-अर्चना

रामपुर चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को भक्तों ने उपवास रखकर अपने-अपने घरों में मां ब्रह्मचारिणी देवी का विधि-विधान के साथ पूजन किया

रामपुर : चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को भक्तों ने उपवास रखकर अपने-अपने घरों में मां ब्रह्मचारिणी देवी का विधि-विधान के साथ पूजन किया। कोरोना से बचाव के शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए मंदिरों में जाकर माता के दर्शन किए। दोपहर में महिलाओं ने अपने-अपने घरों में भजन-कीर्तन माता का गुणगान किया। इस दौरान सभी ने जमकर जयकारे लगाए, जिससे आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया।

मिस्टन गंज अग्रवाल धर्मशाला में दुर्गा देवी ज्वाला जी शक्ति दरबार के महंत पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा ने नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन कर हवन किया। इस दौरान उन्होंने देवी के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि ब्रह्मचारिणी माता ने भगवान शिवजी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कारण इन्हें तपश्चारिणी देवी के नाम से भी जाना जाता है।

शक्तिपुरम स्थित श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ में आचार्य राधे श्याम वासंतेय ने नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन किया। शक्ति पूजन के बाद हवन हुआ, जिसमें विश्व कल्याण की भावना के साथ आहुतियां दी गईं। कोरोना काल के चलते शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए भक्तों ने बारी-बारी से शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए श्री मां ललिता त्रिपुरसुंदरी के दर्शन किए।

उधर, पुराना गंज स्थित माई का थान मंदिर में हवन और सप्तशती का पाठ किया गया। इस दौरान मंदिर में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया गया। भक्तों ने मास्क लगाकर और हाथों को साबुन और सैनिटाइजर से साफ कर मंदिर में जाकर माता के दर्शन किए। इसके अलावा रामनाथ कालोनी स्थित माता का मंदिर, पुराना गंज स्थित हरिहर मंदिर, सिविल लाइंस स्थित हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर, जिला पंचायत रोड स्थित शिव मंदिर, मुहल्ला छिपियान स्थित दुर्गा मंदिर, कृष्णा विहार स्थित कृष्णा मंदिर, ज्वालानगर में वैद्य जी की धर्मशाला स्थित श्याम मंदिर, आवास-विकास कालोनी स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, नाग मंदिर, गर्वमेंट प्रेस के सामने शिव मंदिर आदि में माता का विधि-विधान से पूजन किया गया। इसके अलावा नवरात्र के दूसरे दिन लोगों ने उपवास रखकर घरों में भी माता को लौंग, कपूर, धूप आदि चढ़ाकर विधि-विधान के साथ पूजन किया। महिलाओं ने दोपहर और रात में भजन-कीर्तन किया। श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ में पूजा-अर्चना के बाद की योग पर चर्चा

रामपुर : शक्तिपुरम कालोनी स्थित श्री त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ में नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को मां ब्रह्मचारिणी देवी का विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। आचार्य राधे श्याम वासंतेय ने कहा कि कोरोना काल चल रहा है इसलिए सभी साफ-सफाई के साथ ही खान-पान पर विशेष ध्यान दें। इसके साथ ही स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग करें। इस दौरान उन्होंने साधकों को पद्मासन, सिद्धासन, वज्रासन करके दिखाए और इन आसनों का प्रशिक्षण दिया।

उन्होंने कहा कि नवरात्र का व्रत उपवास का प्रथम दिन मूलाधार चक्र का शोधन करता है। इससे हमारा मल हमारे शरीर, हमारे स्थूल शरीर, सूक्ष्मा और कारण शरीर को प्रवाहित न कर सके। आसन तभी ²ढ़ हो सकता है, जब हम अपने जीवन में ²ढ़ता का संकल्प लें। बिना ²ढ़ इच्छाशक्ति के उपवास, साधना सफल नहीं होती। कहा कि कम से कम एक घंटे योगाभ्यास करने से शरीर अपने तमोगुण आवरण को त्यागता है। उन्होंने पद्मासन में बैठकर योग करने की प्रेरणा दी। इसके बाद उन्होंने पद्मासन में साधना कर सबको दिखाया। कहा पद्मासन में बैठने पर शरीर की नाड़ी विकार समाप्त होता है। साथ ही बिना प्राणायाम के शरीर में आवरण मुक्ति नहीं होती और आज्ञा चक्र का मूलाधार से संबंध नहीं हो पाता। इसलिए मूलाधार से संबंध करने के लिए शांत, सम्यक, शुद्ध, चैतन्य आत्मा में मन की गति नहीं होती। जब तक बाहर से अंतर नहीं आता, तब तक साधना का दीपक नहीं जलता और अंतर के अशांत वातावरण में शुद्ध चेतना का उदय नहीं होता। अत: प्रत्येक सनातनी ऋषि पुत्र का कर्तव्य है नर-नारी सभी ²ढ़ आसन में बैठकर अपने मूलाधार चक्र का शोधन करें। मध्यान्ह में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ, संध्या में योग, वेद की चर्चा की गई। इसमें ध्यान की विभिन्न क्रियाएं सिखाई गई। बताया खाने में सिघाड़ा, फल आदि का सेवन करना चाहिए। तली भुनी चीजों का परित्याग करना चाहिए। कोरोना काल के चलते सेहत का ध्यान रखें। खाने-पीने में सावधानी बरतें। स्वस्थ रहने के लिए सभी नियमित योग करें।

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