फिल्म और वेब सीरीज में कैद होती कोरोना महामारी की कहानियां, कई प्रोजेक्ट्स की हो सकती है जल्द

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Webseries and Movies Related to Coronavirus फिल्में समाज का आईना मानी जाती हैं। आसपास जो घटता है उसकी झलक फिल्मों में होती है। पिछले साल जब कोरोना का कहर टूटा तब फिल्ममेकर्स ने इसमें भी नई कहानियां ढूंढ़ ल

 फिल्में समाज का आईना मानी जाती हैं। आसपास जो घटता है, उसकी झलक फिल्मों में होती है। पिछले साल जब कोरोना का कहर टूटा, तब फिल्ममेकर्स ने इसमें भी नई कहानियां ढूंढ़ लीं। कोविड 19 वायरस या लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में कुछ वास्तविक तो कुछ काल्पनिक कहानियों को जोड़कर 'अनपॉज्ड’, 'होम स्टोरीज’, 'द गॉन गेम’, 'मेट्रो पार्क क्वारंटाइन एडिशन’ जैसी कई एंथोलॉजी फिल्में और वेब सीरीज बनाई गईं। इसके बाद कई प्रोजेक्ट्स की घोषणा मधुर भंडारकर, अनुभव सिन्हा, विपुल अमृतलाल शाह जैसे मेकर्स ने की है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कहां तक पहुंचा है इन फिल्मों और वेब सीरीज का काम, किस फॉर्मेट में इन कहानियों को बनाना है संभव है, इसकी पड़ताल की प्रियंका सिंह व दीपेश पांडेय ने..

मानवीय कहानियां बननी चाहिए: फिल्ममेकर मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्म 'इंडिया लॉकडाउन’ की शूटिंग पूरी कर ली है। उनका कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान लोगों को विभिन्न परेशानियों से जूझते देखकर इस फिल्म को बनाने का खयाल आया था। इसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है। यह एक मानवीय कहानी है, जिसमें अलग-अलग लोगों की अलग-अलग परिस्थितियों में प्रतिक्रियाओं और उनके साथ हो रही घटनाओं को दिखाया गया है। मैंने करीब आठ महीने अपने लेखकों के साथ बैठकर रिसर्च की। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न परिस्थितियों का शिकार हुए कई लोगों से बातचीत की और जाना कि उन्हें आर्थिक और व्यावहारिक तौर पर किस तरह के संघर्ष से गुजरना पड़ा है। इस तरह की वास्तविक घटनाओं पर आधारित फिल्मों से दर्शकों का भावनात्मक जुड़ाव होता है, इसलिए ऐसी कहानियां बननी चाहिए। फिलहाल फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है। इस फिल्म को हमने सिनेमाघरों के लिए ही बनाया है, लेकिन मौजूदा दौर में सिनेमाघरों की हालात देखते हुए हम मई महीने के बाद ही फैसला लेंगे कि यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर।

मेडिकल ट्रायल्स की कहानी पर मेकर्स की नजर: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन अहम भूमिका निभा रही है। ऐसे में इसके आसपास भी कहानियां रची जा रही हैं। 'आंखें’, 'नमस्ते लंदन’ जैसी कमर्शियल फिल्में बनाने वाले निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह अपनी वेब सीरीज 'ह्यूमन’ में मेडिकल ट्रायल की दुनिया से पर्दा उठाएंगे। हालांकि इस पर विपुल ने काम तब शुरू किया था, जब कोरोना के बारे में किसी ने सुना भी नहीं था। विपुल कहते हैं कि मैं इस पर साढ़े तीन साल से काम कर रहा हूं, लेकिन आज ड्रग ट्रायल शब्द इतना आम हो चुका है, लोग इससे रिलेट करेंगे। यह शो दुनिया भर में चल रहे मेडिकल ट्रायल्स के बारे में हैं, जो मानवता और समाज के लिए बहुत बड़ा विषय है। हमने दर्शकों के लिए 'ह्यूमन ट्रायल्स’ की प्रक्रिया को सरल बनाने की कोशिश की है, इसीलिए हमें लिखने में काफी समय लगा। शेफाली शाह, कीर्ति कुल्हारी, सीमा बिस्वास अभिनीत इस सीरीज का हिस्सा बनेंगे।

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