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अंतिम शब्द
मौत ने चुपके से जाने क्या कहा कि जिंदगी खामोश होकर रह गई
मौत एक ऐसी सच्चाई है जिससे हर किसी का सामना होना है कब कहां कैसे कोई नहीं जानता पर यह बात तय है कि जब से सामना होगा तू जिंदगी हमेशा हमेशा के तू जिंदगी हमेशा हमेशा के लिए खामोश हो जाएगी एक ऐसी गहरी चुप्पी साध लेगी जिसके बाद हर अंक ही बात अनकही रह जाएगी तो आइए आज तो आइए आज जानते हैं कुछ प्रसिद्ध लोगों के अंतिम शब्द जो उन्होंने जो उन्होंने इस खामोशी के आगोश में जाने से पहले कहे इन शब्दों में कहीं आपको अफसोस सुनाई देगा तो कहीं वह कहीं दर्द कहीं आपको अफसोस सुनाई देगा तो कहीं वह कहीं दर्द कराह सुनेगी तो कहीं पश्चाताप कहीं हार की निराशा दिखेगी तो कहीं अधूरे पन की झलक पर इन उदासीन स्वरों के बीच कुछ स्वर ऐसे भी कुछ स्वर ऐसे भी सुनेंगे जो उत्साह जोश उमंग आनंद पूर्णता से पूर्णता से भरे होंगे आप इनको पढ़कर विचार कीजिएगा कि आप अपने कि आप अपने अंतिम शब्दों को कैसा चाहेंगे
इंग्लैंड की महारानी
मेरी मेरी सारी संपत्ति असबाब अब अब अब मेरे किसी काम का नहीं मैं इससे जीवन नहीं खरीद सकती
रोमन राजा
अब विलाप व विषाद के अतिरिक्त मेरे पास कुछ नहीं है मैं जीवन भर सोचता रहा कि मैं राजा हूं पर मौत ने बदला दिया असल राजा मैं नहीं भगवान है
सदी के बेहतरीन संगीतकार
मृत्यु का स्वाद अब मेरे होठों पर है मैं जान चुका हूं कि इसमें कुछ
बेहतरीन संगीतकार
मृत्यु का स्वाद अब मेरे होठों पर है मैं जान चुका हूं कि इसमें कुछ
भी भौतिक या पार्थिक नहीं है
महारानी एलिजाबेथ के समय के इंग्लैंड के विख्यात के इंग्लैंड के विख्यात अन्य बेशक
यह मौत एक कड़वी औषधि है पर मुझे यकीन है कि मेरे सभी रोगों और दुखों का बेहतरीन इलाज है
फ्रांस के राजा
जब उनके मुलाजिम उन्हें मृत्यु शैया पर देख कर रो रहे थे तो उन्हें डांटते हुए लुईस बोले तुम यू क्यों रहे हो क्या तुम्हें लगा था कि मैं अजर अमर हूं तुम तुम क्या सोचते हो क्या ईश्वर भूल जाएगा कि मैंने आज तक उनके लिए क्या-क्या किया है
विलियम सरोयन(1908-81) अमेरिकी नाटककार
मुझे मालूम था कि हर किसी को मौत आनी है पर फिर भी ना जाने क्यों मुझे मुझे लगता रहा कि मैं इस अटल नियम का अपवाद रहूंगा पर अब पर अब जब मृत्यु मुंह खोले मेरे सामने खड़ी है तो मैं क्या करूं