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पहली बार यूके ने एक नया क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है जो कोरोना मरीजों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर सात अलग-अलग कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज की प्रभावकारिता का आकलन करेगा। इसमें एस्ट्रोजेनेका और फाइजर की वैक्सीन शामिल है।
लंदन । ब्रिटेन में कोविड-19 के सात अलग-अलग टीकों की तीसरी डोज के प्रभाव पर ट्रायल शुरू होने जा रहा है। कोव-बूस्ट नाम के इस ट्रायल के दौरान आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, फाइजर-बायोएनटेक, माडर्ना, नोवावैक्स, वालनेवा, जैंस्सेन और क्योरवैक की तीसरी डोज का शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर असर देखा जाएगा। ट्रायल जून में शुरू होगा। सभी आयु वर्ग के तीन हजार लोग इसमें शामिल होंगे। ट्रायल में शामिल लोगों का पहले, तीसरे और 12वें माह में एंटीबाडी टेस्ट कर उनकी प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया को जांचा जाएगा। रक्त में एंटीबाडी का उच्च स्तर यह दर्शाएगा कि शरीर कोविड-19 से लड़ने में सक्षम है। ट्रायल के नतीजे सितंबर तक सामने आने की उम्मीद है।
कोव-बूस्ट नाम के इस ट्रायल के जून में शुरू होने की संभावना है और इसमें सभी आयु वर्ग के 3 हजार उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिन्होंने दिसंबर या जनवरी में वैक्सीन की पहली डोज ले ली है। इस ट्रायल पर लगभग 1 करो़ड़ 93 लाख पाउंड खर्च होने की आशा है। ब्रिटेन सरकार यह व्यय वहन करेगी। ट्रायल ब्रिटेन के 18 स्थलों पर किया जाएगा और वैक्सीन की आधी डोज़ का भी ट्रायल किया जाएगा। इस ट्रायल के निष्कर्षों से वैक्सीन की सलाह देने वालों को ये निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि कुछ लोगों को शरद ऋतु यानि सितंबर-अक्तूबर तक फिर से टीका लेने की जरूरत है या नहीं। ट्रायल में शामिल होने वालों को तीसरी डोज़ के बाद किसी साइड इफेक्ट को नोट करने को कहा जाएगा और इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता की एक, तीन और बारह महीने बाद जांच की जाएगी।