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तीन तलाक के साथ हलाला प्रथा पर रोक की मांग बरेली से पहले ही उठ चुकी है। केंद्र सरकार ने मामले में फिर से तेजी दिखाई तो पीड़िता और मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने भी आवाज बुलंद कर दी है। हलाला प्रथा पर रोक लगाने के लिए जोर-शोर से मांग उठने लगी है।
बरेली शहर से देहात तक ऐसे तमाम मामले सामने आए जब शौहर ने बीवी को तीन तलाक देकर उससे हलाला कराने पर जोर दिया। कुछ ऐसे केस भी सामने आए जिसमें ससुर ने अपनी बहू से हलाला कराने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने जब तीन तलाक को खत्म करने के लिए कदम बढ़ाए तो मुस्लिम महिलाओं ने समर्थन भी किया था। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने बताया कि बहुत से ऐसे केस मेरे संगठन में आए जो हलाला से जुड़े थे। तारा बी के साथ भी उसके शौहर ने हलाला करने की शर्त रखी थी। पहले तलाक फिर हलाला की शर्त करने वालों पर सरकार को सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र सरकार को हमारी तरफ से हलाला पर रोक लगाने के लिए चिट्टी भेजी जा चुकी है।
समाजसेवी व आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान ने बताया कि तमाम केस हलाला के सामने आए। किला इलाके की रहने वाले एक लड़की की शादी सुर्खा बानखाना में हुई थी। शादी के बाद शौहर ने जुल्म करना शुरू कर दिया था। कुछ दिनों बाद शौहर ने बीवी को तलाक देकर घर से निकाल दिया था। जब मामला पुलिस थाना तक पहुंचा तो ससुराल के लोगों ने हलाला करने की शर्त रख दी। केंद्र सरकार को हमारी तरफ से हलाला को बैन करने की मांग की जा चुकी है।