गाजियाबाद में एक युवक में ब्लैक, व्हाइट व यलो फंगस; ब्लैक फंगस संक्रमण से बिजनौर में ADJ की मौत

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

Black Fungus Infection सोमवार को बिजनौर में एडीजे और कानपुर के हैलट अस्पताल में औरैया निवासी एक युवक ने दम तोड़ दिया। प्रदेश में ब्लैक के बाद व्हाइट और यलो फंगल इंफेक्शन के मामले सामने आने से लोग दहशत में हैं।

लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के सेकेंड स्ट्रेन से उबरने वाले लोगों पर अब ब्लैक फंगल इंफेक्शन कहर बनकर टूट रहा है। ब्लैक फंगस से सोमवार को बिजनौर में एडीजे और कानपुर के हैलट अस्पताल में औरैया निवासी एक युवक ने दम तोड़ दिया। प्रदेश में ब्लैक के बाद व्हाइट और यलो फंगल इंफेक्शन के मामले सामने आने से लोग दहशत में हैं। इसके साथ ही चिकित्सकों के सामने भी बड़ी चुनौती पैदा हो रही है।

बिजनौर में कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे अपर जिला जज सप्तम राजू प्रसाद की तबियत बिगड़ गई। उन्होंने अस्पताल ले जाने के दौरान ही रास्ते में दम तोड़ दिया। बार संघ के अध्यक्ष अजीत पवार ने अपर जिला जज की मृत्यु की पुष्टि की है। बिजनौर में तैनात 45 वर्षीय अपर जिला जज सप्तम राजू प्रसाद पुत्र राम प्रसाद को करीब 15 दिन पहले कोरोना संक्रमण हुआ था। जांच में उन्हेंं ब्लैक फंगस होने की भी पुष्टि हुई। शहर के प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज चला और कुछ दिन बाद वह ठीक होकर घर आ गए। सोमवार को उनकी अचानक तबियत बिगड़ी, उन्हेंं अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते मे ही उन्होंने दम तोड़ दिया। राजू प्रसाद मूल रूप से देवरिया जनपद के रहने वाले थे। वह वर्ष 2019 से बिजनोर में तैनात थे। इससे पहले राजू प्रसाद जिले में बतौर सीजेएम भी तैनात रह चुके हैं।

कानपुर के लाला लाजपत राय (हैलट) अस्पताल में ब्लैक फंगस से सोमवार को पहली मौत हो गई। यहां पर तीन दिन पहले औरैया निवासी एक युवक को ब्लैक फंगस संक्रमित होने के बाद भर्ती कराया गया था। औरैया के बिधूना निवासी युवक ने सोमवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

ब्लैक व व्हाइट के बाद यलो फंगस: उत्तर प्रदेश में ब्लैक व व्हाइट के बाद अब यलो फंगस का भी केस सामने आया है। गाजियाबाद में एक ही युवक में तीनों फंगस मिले हैं। यह मामला स्वास्थ्य विभाग को अभी जानकारी नहीं है। यहां के सरकारी अस्पताल में फंगस का इलाज नहीं है। ब्लैक फंगस व व्हाइट फंगस की दवा तक नहीं है।मरीज को दो दिन पहले आरडीसी के हर्ष ईएनटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संजयनगर निवासी कुंवर सिंह को भी पहले कोरोना हुआ था। अस्पताल के निदेशक डा. बीपी त्यागी ने बताया कि यलो फंगस छिपकली में पाया जाता है। इससे पहले इंसान में यह फंगस मिलने का कोई रिकार्ड नहीं है। ब्लैक व व्हाइट फंगस की तरह यह शरीर के हिस्से को गलाता नहीं है, बल्कि घाव करता है, जिसे भरने में काफी समय लगता है। इसके मरीज को भी एंफोटेरिसीन इंजेक्शन दिया जाता है और सर्जरी की जाती है।

लखनऊ में सोमवार को ब्लैक फंगस के 20 नए केस: लखनऊ में सोमवार को ब्लैक फंगस के 20 नए केस मिले हैं। लखनऊ के अस्पतालों में ब्लैक फंगल इंफेक्शन से प्रभावित 210 लोग भर्ती हैं। बलरामपुर में भी आज ब्लैक फंगस का पहला केस मिला है। कोरोना वायरस संक्रमण से उबरी महिला में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। यहां के तुलसीपुर इलाके की रहने वाली इस महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमरोहा में इंस्पेक्टर रकम सिंह ब्लैक फंगल इंफेक्शन की चपेट में हैं। पंचायत चुनाव ड्यूटी के बाद वह कोरोना पॉजिटिव थे। उससे उबरने के बाद अब ब्लैक फंगस की चपेट में हैं। उनका गौतमबुद्धनगर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। कोरोना संक्रमण के साथ साथ अब ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस ने लोगों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश के कई शहरों से इनके संक्रमित सामने आए हैं। लखनऊ में करीब 250 तो पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के अलग-अलग जिलों के करीब 60 ब्लैक फंगस के संक्रमित भर्ती हैं। यहां पर इनको इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। ब्लैक फंगस से निजात दिलाने वाला इंजेक्शन अम्फोटेरिसिन-बी यहां उपलब्ध नहीं

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.