माली में सैन्य विद्रोह, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को लिया गया हिरासत में, गहराया राजनीतिक संकट

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

माली के राष्ट्रपति बाह दाव की फाइल फोटो

पिछले साल अगस्त में राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता को तख्तापलट कर हटा दिया गया था। वह 2013 से राष्ट्रपति थे। सितंबर में अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया और मौजूदा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कार्यभार संभाला।

 अफ्रीका के देश माली में एक बार फिर राजनीतिक संकट गहरा गया है। अंतरिम सरकार में फेरबदल के कुछ समय बाद ही सैन्य विद्रोह हो गया। विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति बाह दाव, प्रधानमंत्री मोक्टर यान और रक्षा मंत्री सोलेमेन डोकोरे को हिरासत में ले लिया है। इन तीनों को राजधानी बमाको के बाहर सैन्य मुख्यालय काटी में रखा गया है। यह कार्रवाई दो सैन्य अफसरों की समर्थक सेना की है, जिन्हें मंत्रिमंडल से हाल ही में हटा दिया गया है।

पिछले साल अगस्त में राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता को तख्तापलट कर हटा दिया गया था। वह 2013 से राष्ट्रपति थे। सितंबर में अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया और मौजूदा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कार्यभार संभाला। माली में अगले साल फरवरी में लोकतांत्रिक चुनाव कराने की योजना है। यहां पर संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर 1.2 बिलियन डालर (करीब 87 सौ करोड़ रुपए) का हर साल खर्च किया जा रहा है

अफ्रीका के इस पश्चिमी देश के उत्तरी रेगिस्तान का बड़ा क्षेत्र कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा और आइएएसआइ के संपर्क वाले इस्लामी समूह के कब्जे में है।

माली स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन ने सेना के अस्थिरता फैलाने वाले ग्रुप से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की तुंरत रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिनका भी यह कृत्य है, उन्हें जवाब देना पड़ेगा। इस मामले में क्षेत्रीय स्तर पर निर्णय लेने वाली संस्था का प्रतिनिधिमंडल बमाको जाएगा और इस मसले को सुलझाएगा। अमेरिका ने भी बिना शर्त तीनों की रिहाई की अपील की है।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.