Overcharging in Hospital: आगरा के अस्पतालों से भगवान ही बचाए, मरीज की मौत और बिल बनाया 9.50 लाख

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

महामारी लोक शिकायत समिति में सुबूत के साथ शिकायत की है।

Overcharging in Hospital यशवंत हास्पिटल में इलाज में लापरवाही से मौत का आरोप वसूले 9.50 लाख। डीआरडीओकर्मी ने की महामारी लोक शिकायत समिति में शिकायत। सुबूत भी दिए- इम्यूनोग्लोबिन सहित महंगे इंजेक्शन और प्लाज्मा थैरेपी देने से बिगडी तबीयत। नगर निगम स्थित कोविड कंट्रोल सेंटर में कुल चार शिकायतें पहुंचीं।

आगरा यशवंत हास्पिटल में कोरोना संक्रमित एलआइसी के प्रशासनिक अधिकारी की मौत होने पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डीआरडीओ में सीनियर टेक्नीशियन उनके बेटे ने आरोप लगाए हैं कि इलाज में लापरवाही से मौत हुई है। वहीं, इलाज के लिए दवाओं सहित 9 .50 लाख रुपये वसूले गए। महामारी लोक शिकायत समिति में सुबूत के साथ शिकायत की है।

डीआरडीओ में सीनियर टेक्नीशियन हिमांशु का आरोप है कि उनके पिता एलआइसी में प्रशासनिक अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह 49 निवासी दयानंद नगर, रोशनबाग दयालबाग को 22 अप्रैल को हल्का बुखार आया। 28 अप्रैल को सीटी स्कैन में 25 में से 10 स्कोर आया, दो मई को आक्सीजन का स्तर 90 पर पहुंचने पर डाक्टर ने हास्पिटल में भर्ती करने के लिए कहा। उस समय बेड की कमी थी, यशवंत हास्पिटल, न्यू आगरा में भर्ती करा दिया। यहां 17 दिन भर्ती रहने के बाद मौत हो गई। 5. 60 लाख रुपये हास्पिटल का बिल और 3. 88 लाख रुपये दवाओं का बिल चार्ज किया गया। वहीं, इलाज में भी लापरवाही की गई। भारत सरकार की कोरोना के इलाज की गाइड लाइन में टासीजुमैब आइसीयू में भर्ती करने के 24 से 48 घंटे बाद लगा देना चाहिए। मगर, 12 दिन बाद लगाया गया। इसके साथ ही 16 बार इम्यूनोग्लोबिन इंजेक्शन लगाए गए, एक इंजेक्शन की कीमत 10 हजार रुपये थी। गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना के लक्षण आने के सात दिन बाद प्लाज्मा थैरेपी का कोई असर नहीं होता है, इसके बाद भी प्लाज्मा थैरेपी दी गई। रेमडेसिविर इंजेक्शन छह लगाए जाते हैं, लेकिन पांच ही लगाए गए, जबकि छह इंजेक्शन खरीदे गए थे। आक्सीजन का स्तर कम होने पर स्वजनों ने प्रोन पाजिशिन में लिटाने के लिए कहा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आक्सीजन सिलेंडर भी मंगाए गए। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही मंडलायुक्त और डीएम से की गई है।

बिल में वसूला गया अतिरिक्त चार्ज

लेबल टू -20 हजार रुपये प्रति दिन

दिनलेबल थ्री -25 हजार रुपये प्रति दिन

बाईपेप, वेंटीलेटर का एक दिन का चार्ज -10 हजार रुपये प्रति दिन

आक्सीजन का चार्ज -4 हजार रुपये प्रति दिन

टंडन नर्सिंग होम, रवि अस्पताल सहित तीन अन्य शिकायतें

नगर निगम स्थित कोविड कंट्रोल सेंटर में कुल चार शिकायतें पहुंचीं। नोडल अधिकारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, एडीएम सिटी डा. प्रभाकांत अवस्थी व डा. मनीष ने शिकायतों की सुनवाई की। चौबीस घंटे के भीतर रवि अस्पताल के खिलाफ मनमाने तरीके से बिल वसूलने की तीसरी शिकायत पहुंची। वहीं कमलेश टंडन अस्पताल, ओम मेडिकल के खिलाफ शिकायतें पहुंचीं। सभी शिकायतों को जांच के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट (एसीएम) प्रथम जेपी पांडेय और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डा. वीरेंद्र भारती को जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं चौबीस घंटे के भीतर एसएन अस्पताल की शिकायत का निस्तारण कर दिया गया। एडीएम सिटी ने बताया कि पथवारी निवासी नीलम के पति सुभाष चंद का तीस अप्रैल को निधन हो गया था। मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। यह उपलब्ध करा दिया गया।

यशंवत हास्पिटल, रवि अस्पताल सहित चार के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। एसीएम प्रथम जेपी पांडेय और एसीएमओ डा. वीरेंद्र भारती को जांच के लिए भेज दी गई हैं।

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.