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कुंभ मेले को लेकर भ्रामक प्रचार किया जाना सरासर गलत
कुंभ मेले को लेकर किए जा रहे भ्रामक प्रचार पर वैष्णव अखाड़ों के संतों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की
संवाद सहयोगी, हरिद्वार : कुंभ मेले को लेकर किए जा रहे भ्रामक प्रचार पर वैष्णव अखाड़ों के संतों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला करोड़ों हिदुओं की आस्था का केंद्र है और सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है, जो अनेकता में एकता को दर्शाता है।
कोरोना महामारी के चलते सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी संत महापुरुषों ने कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराया। लेकिन कुछ तथाकथित लोग कुंभ को लेकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, जो कि सरासर गलत है। कुंभ मेले के आयोजन से पूरे विश्व को एक सकारात्मक संदेश प्राप्त हुआ है और आमजन के मन से मृत्यु का भय भी मिटा है। इसलिए धर्म के साथ छेड़छाड़ न की जाए। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चर्तु संप्रदाय के अध्यक्ष महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा महाराज ने कहा कि जिनको धर्म एवं कुंभ पर्व की जानकारी नहीं है। वह अखाड़े के संतों के साथ आकर जानकारी जुटाए। बिना वजह विवादित बयान देकर आस्था से खिलवाड़ ना करें। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज एवं अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सनातन संस्कृति का मुख्य पर्व है। यदि कुंभ मेले के दौरान कोरोना महामारी फैलती तो देवभूमि हरिद्वार को बड़ा नुकसान हो सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और संपूर्ण कुंभ मेला एवं चारों शाही स्नान संतों के सानिध्य में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए सकुशल संपन्न हुए। श्रीमहंत मोहनदास खाकी ने कहा कि जिसने भी धर्म का उपहास उड़ाया है। उस व्यक्ति का पतन होने से कोई नहीं रोक सकता।