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RGA news
छविनग के बेटे अंकुर की मंगलवार शाम जिला अस्पताल में मौत हो गई थी।
पिता छविनग के मुताबिक इमरजेंसी में कर्मियों ने वाहन चालक से बात की। उसने 10 मिनट में आने की बात बताई। एक घंटे बाद भी चालक नहीं आया तो परिवारजन दोबारा गए। छविनग की मानें तो चालक नशे में धुत था।
सीतापुर आमजन की सुविधा के लिए सरकार तो संसाधन उपलब्ध कराती है लेकिन, लापरवाह सिस्टम लोगों को रुला देता है। इसी की एक बानगी बुधवार को सीतापुर जिला अस्पताल में देखने को मिली, जब अपने मासूम बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए लाचार पिता गिड़गिड़ाता रहा, मदद मांगते रहा लेकिन, कोई नहीं चेता। परिवारजन खुद शव वाहन के चालक के पास गए तो वह नशे में धुत मिला। ऐसी स्थिति को देखते हुए परिवारजन बाइक पर ही शव रखकर मर्च्युरी से लेकर चले गए।
तालगांव के देवरिया निवासी छविनग के बेटे अंकुर की मंगलवार शाम जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि सड़क हादसे में घायल होने के बाद उसे सीतापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंकुर की मौत के बाद शव को जिला अस्पताल की मर्च्युरी में रखवा दिया गया। इसके बाद बुधवार को जिला अस्पताल में पंचायत नामा हुआ। इसके बाद परिवारजन शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने का इंतजाम करने लगे। जिला अस्पताल के वाहन से शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने की बात बताई गई। इस पर परिवारजन ने इमरजेंसी में संपर्क साधा। पिता छविनग के मुताबिक इमरजेंसी में कर्मियों ने वाहन चालक से बात की। उसने 10 मिनट में आने की बात बताई। एक घंटे बाद भी चालक नहीं आया तो परिवारजन दोबारा गए। छविनग की मानें तो चालक नशे में धुत था। समय गुजर रहा था। करीब डेढ़ घंटा इंतजार करते हो चुका था। ऐसे में परिवारजन बाइक पर ही शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस चले गए।
कायदे में पुलिस को बताना चाहिए था : सीएमएस
‘शव वाहन का चालक आउट सोर्सिंग से रखा गया है। दाेपहर में उसे चक्कर आ गया और वह गिर गया। इसके बाद वह ड्यूटी रूम में जाकर लेट गया था। परिवारजन ने इमरजेंसी में नहीं बताया था। अगर शव वाहन की जरूरत थी तो कायदे में पुलिस को बताना चाहिए था। मामला संज्ञान में आने के बाद चालक को बुलाया था तो उसने गिरने वाली बात बताई। अगर हमें सूचना दी जाती तो किसी दूसरे चालक का इंतजाम कर शव भेजते।’ - डॉ. एके अग्रवाल, सीएमएस जिला अस्पताल
यह तो टालने वाली बात, सूचना दी गई थी : सीओ
सीएमएस के जवाब पर सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह से बात की गई। उन्होंने कहा कि यह तो टालने वाली बात है। जिला अस्पताल के स्टाफ को सूचना दी गई थी। वैसे, इस मामले में मैं और एसडीएम सदर अमित कुमार भट्ट अभी जांच के लिए जा रहे हैं। जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।