RGA न्यूज हल्द्वानी
बारिश ने भीषण गर्मी से जहां लोगों को राहत तो दी, लेकिन बादलों ने प्रदेश में फिर कहर मचाया है। तीन जिलों में मूसलाधार बारिश से मची तबाही का मंजर देखिए...
बेतालघाट विकासखंड के कटनीगजार में बादल फटने और मूनाकोट के धौलकांडा गांव में मूसलाधार बारिश के बीच पहाड़ी दरकने से घर और खेतों में पानी-मलबा पट गया। दोनों जगह किसी जनहानि की सूचना नहीं है। पूरे कुमाऊं में कहीं भारी तो कहीं मध्यम बारिश या बूंदाबांदी से मौसम खुशनुमा हो गया है। कुछ स्थानों पर अंधड़-ओलों से फलों को नुकसान हुआ है।
सरोवर नगरी नैनीताल, हल्द्वानी समेत जिले में कई जगह सुबह अंधड़ के साथ बारिश हुई। जिले के बेतालघाट विकासखंड के अंतर्गत ग्रामसभा कटनीगजार में शुक्रवार सुबह 8:30 बजे अचानक बादल फटने से पानी और मलबा घरों में घुस गया। बेतालघाट से रामनगर जाने वाले मार्ग पर मलबा आने से जाम की स्थिति बनी रही। बादल फटने की घटना से लोगों में दहशत बनी हुई है। वहीं गढ़वाल के पौड़ी में भी बादल फटने से तबाही मच गई।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के साथ ही गंगोलीहाट, मुनस्यारी, झूलाघाट में कहीं भारी तो कहीं मध्यम बारिश से तापमान गिर गया। कुछ स्थानों में ओले गिरे। मूनाकोट ब्लॉक में मूसलाधार बारिश केबीच दिन में ढाई बजे निर्माणाधीन मड़मानले-दोबांस मार्ग पर जोरदार आवाज के साथ पहाड़ी दरक गई। इसका मलबा धौलकांडा गांव के मैथल तोक में सड़क किनारे बने पीतांबर पांडे के मकान और खेतों में बिछ गया। मलबे से मकान को आंशिक नुकसान पहुंचा है। परिवार ने गांव में ही किसी के घर में शरण ली है। लोगों के अनुसार यह बादल फटने की घटना थी लेकिन प्रशासन ने इससे इनकार किया है।
टनकपुर-बनबसा इलाके में अंधड़ के साथ हुई बारिश से कई गांवों में नुकसान हुआ है। मझगांव में कई घरों के छप्पर उड़ गए तो कई घरों में रखा अनाज और घरेलू सामान नष्ट हो गया। कच्चे मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। अल्मोड़ा-बागेश्वर में भी कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश हुई। गरुड़ तहसील क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर बाद आंधी, तूफान आने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तूफान से लाहुर घाटी में भारी संख्या में चीड़, फलदार पेड़ गिरे हैं। बिजली आपूर्ति भी प्रभावित है।
झमाझम बरसे मेघ किसानों को राहत देने वाले हैं। बारिश को फल, सब्जी और खरीफ की फसल के लिए बेहतर बताया जा रहा है। मुख्य उद्यान अधिकारी टीएन पांडे ने बताया कि सब्जी के लिए बारिश फायदेमंद है। साथ ही आम, लीची और पुलम के आकार में वृद्धि होगी और रस भी अधिक होगा। दूसरी ओर मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार ने बताया कि खरीफ की फसल के लिए किसान खेतों को तैयार कर रहे हैं इसलिए बारिश खरीफ की फसल के लिए बेहतर है।