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RGA news
एनडीआरएफ का ये दस्ता लखनऊ और वाराणसी के जवानों का है। दस्ते के कमांडो अमेरिका सिंगापुर मारिशस और श्रीलंका से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं। कमांडो दस्ते को डीप डाइविंग की ट्रेनिंग कोच्ची में भारतीय नौसेना के साथ दी गई थी
लखनऊ बंगाल में यास चक्रवात के दौरान होने वाली तबाही में लोगों को बचाने और रेस्क्यू करने के लिए वहां एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) का विशेष दस्ता लगाया गया है। यह दस्ता लखनऊ और वाराणसी के जवानों का है। दस्ते के कमांडो अमेरिका, सिंगापुर, मारिशस और श्रीलंका से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं। कमांडो दस्ते को डीप डाइविंग की ट्रेनिंग कोच्ची में भारतीय नौसेना के साथ दी गई थी। इसके अलावा उन्हें ऊंची इमारत के ध्वस्त होने पर लोगों को सुरक्षित निकालने एवं एयरफोर्स के साथ साझा अभ्यास में दक्षता हासिल है। यह जानकारी एनडीआरएफ 11वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि लखनऊ और वाराणसी से कुल पांच टीमें अब तक पश्चिम बंगाल में एयर लिफ्ट कराई जा चुकी हैं। इनको मिलाकर देश की करीब 113 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हैं।
तीन-चार घंटे लगातार पानी में रहकर कमांडो कर सकते हैं रेस्क्यू: एनडीआरएफ लखनऊ यूनिट के डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार ने बताया कि लखनऊ और वाराणसी से जो विशेष कमांडो दस्ता कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के साथ भेजा गया है, उसमें बहुत ही कुशल तैराक हैं। अगर चक्रवात के दौरान समुद्र में कोई गिर जाता है, लापता हो जाता है या किसी अन्य प्रकार की जरूरत समुद्र से संबंधित पड़ती है तो विशेष सूट और गागल पहनकर आक्सीजन सिलिंडर के साथ हमारे जवान पानी में तीन से चार घंटे अथवा इससे भी अधिक समय तक रेस्क्यू कर सकते हैं। उन्हें उ'च क्वालिटी की बोट आदि भी दी गई हैं।
टीम ने शुरू किया राहत एवं बचाव कार्य: डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि बुधवार सुबह बंगाल में चक्रवात आया। इस दौरान तूफान और बारिश में कोलकाता शहर के प्रताप आदित्य रोड समेत अन्य मार्गों पर भारी भरकम पेड़ गिर गए। जिससे आवागमन बाधित हो गया। इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। हमारे जवानों ने कारबाइट-चेनसा व अन्य कटिंग टूल्स का इस्तेमाल करके वहां जल्द से जल्द मार्ग खाली करा दिया। हमारी गोताखोर, मेडिकल, कङ्क्षटग समेत अन्य टीमें पूरी तरह से राहत एवं बचाव कार्य में लग गईं।