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जलसंस्थान पेयजल प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करा रहा है।
गौला नदी से जलसंस्थान के फिल्टर प्लांटों को पानी की आपूर्ति होती है। इसके साथ ही पेयजल की आपूर्ति करने वाले जलसंस्थान से लेकर सिंचाई विभाग के सभी नलकूपों का संचालन भी सुचारू है। इसके बावजूद शहर से गांव तक की 20 कालानियां प्यासी हैं।
हल्द्वानी : पहाड़ों में बरसात थमने से गौला नदी से जलसंस्थान के फिल्टर प्लांटों को पानी की आपूर्ति होती है। इसके साथ ही पेयजल की आपूर्ति करने वाले जलसंस्थान से लेकर सिंचाई विभाग के सभी नलकूपों का संचालन भी सुचारू है। इसके बावजूद शहर से गांव तक की 20 कालानियां प्यासी हैं। जलसंस्थान पेयजल प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करा रहा है।
कुछ दिन पहले पहाड़ों से लेकर मैदान तक बरसात की वजह से गौला नदी में भारी मात्रा में सिल्ट आ रही थी। जिस कारण फिल्टर प्लांटों को पानी की आपूर्ति प्रभावित रही। गौला से पानी मिला भी तो भारी मात्रा में सिल्ट होने से प्लांट से आपूर्ति सुचारू नहीं पा रही थी। इसके साथ ही पेयजल की आपूर्ति करने वाले कुछ नलकूप खराब पड़े थे। अब स्थिति वैसी नहीं है। गौला नदी से काफी साफ पानी जलसंस्थान को सुचारू रूप से मिल रहा है। नलकूप भी सभी सही हैं, जिससे जलापूर्ति सुचारू है। इसके बावजूद गुरुवार को 20 कालाेनियों में पानी का संकट गहराया रहा। जलसंस्थान के अपर सहायक अभियंता पंकज उपाध्याय ने बताया कि जिन इलाकों में पेयजल संकट की शिकायत आ रही है, वह योजनाओं के अंतिम छोर के इलाके हैं। जिस कारण वहां तक पानी पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए सात विभागीय व आठ निजी टैंकर लगाए गए हैं।
इन इलाकों में गहराया रहा जलसंकट
कुसुमखेड़ा : सत्या वहार, प्रवेश कालोनी, संगम विहार, अन्नपूर्णा, प्रगति विहार, महादेव कालोनी फेज एक व दो।
फतेहपुर : पीपलपोखर नंबर एक व दो, गजे सिंह, गुलजारपुर, गांधी आश्रम।
दमुवाढूंगा : भोटिया फार्म, मल्ला प्लाट, हल्दीखाल, देवखड़ी।
बरेली रोड : हिमालय फार्म व समता आश्रम गली।
मुखानी : पीलीकोठी व जज फार्म।