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मेरठ में 80 लाख के खर्च का लगाया जाएगा ऑक्सीजन प्लांट।
जिलाधिकारी के. बालाजी ने बताया कि जनपद में खुद की आक्सीजन की उपलब्धता के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल कालेज में भी ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने को प्लांट लगाया जाएगा। इसमें लगभग 80 लाख का खर्च होगा।
मेरठ जिलाधिकारी के. बालाजी ने आनलाइन पत्रकार वार्ता में बताया कि जनपद में खुद की आक्सीजन की उपलब्धता के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल कालेज में भी 100 बेड की आक्सीजन की जरूरत को पूरा करने वाले आक्सीजन उत्पादन प्लांट की स्थापना को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। इसकी लागत लगभग 80 लाख होगी। प्लांट लगाने की जिम्मेदारी टाटा एडवांस को सौंपी गई है। सिविल और इलेक्टिक कार्य यूपीपीसीएल करेगी। इसके लिए 18 लाख रुपये भी जारी कर दिए हैं।
जिलाधिकारी ने दावा किया कि जल्द इस आक्सीजन प्लांट का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि गुरुवार को जनपद में 9244 सैंपलों की जांच में 132 में संक्रमण मिला है। इस तरह पाजिटिविटी दर मात्र 1.42 फीसद है। 7 मई को कोरोना संक्रमण पीक पर था। उस दिन पाजिटिविटी दर 23 फीसद थी। डीएम ने कहा कि देहात में टेस्टिंग को लेकर अब भी ध्यान केंद्रित किया हुआ है। टीमें तैनात हैं।
तीसरी लहर से मुकाबले को सीएचसी पर होंगे टेस्ट
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम सक्रिय मामलों की संख्या 3319 थी जो कि आज 965 रह गई है। तेजी से लोगों का स्वास्थ्य ठीक हो रहा है। जानी ब्लाक में सर्वाधिक 135 सक्रिय केस हैं और सबसे कम मामले हस्तिनापुर और भूड़बराल में 20-20 हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबले के लिए प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना टेटिंस्टग की सुविधा उपलब्ध कराई जा ही है।
सुधर रहे निजी अस्पताल, तीन झोलाछाप पर एफआइआर
जिलाधिकारी ने बताया कि निजी अस्पतालों की मनमानी की शिकायतों पर लगातार जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है। बड़ी संख्या में मरीजों के बिलों की राशि में भी कमी कराई गई है तथा मनमानी पर कार्रवाई हुई है। चार झोलाछाप की शिकायत मिली थी। इनमें से तीन सही मिलीं और तीनों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है।
जब 10 मई को पाजिटिविटी दर पहुंची थी 48 फीसद
जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दर ने 10 मई को 48 फीसद का आंकड़ा छू लिया था। यह चौंकाने वाला था। जांच में पता चला कि उस दिन तमाम निजी लैब ने पुरानी रिपोर्ट पोर्टल पर दर्ज कर दिया था। इसे लेकर टेस्ट लैब का जवाब-तलब भी किया गया था। उसके बाद से निजी लैब अपनी रिपोर्ट समय से पोर्टल पर फीड कर रही हैं।
सप्ताहभर में सैनिक अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बनना शुरू
छावनी क्षेत्र में सैनिक अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। सैनिक अस्पताल में आइसीयू के पास खाली पड़ी जमीन को इसके लिए चिह्न्ति किया गया है। सैनिक अस्पताल 545 बेड का है। इसके अलावा 250 बेड अतिरिक्त रखे गए हैं। सेना और पूर्व सैनिकों का इलाज अस्पताल में होता है। सेना के कोविड-19 मरीज का इलाज भी यही हो रहा है। आक्सीजन प्लांट बनने से जहां सैनिक अस्पताल में आक्सीजन की निर्भरता रहेगी। वहीं, जरूरत पड़ने पर शहर के अन्य जगह भी इसकी आपूर्ति हो सकेगी। एक सप्ताह में इसका काम शुरू हो जाएगा। भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से प्रधानमंत्री केयर फंड से इसका निर्माण किया जाएगा। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से 1000 एलपीएम क्षमता का आक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट का सिविल कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से किया जाएगा
बढ़ेगी ब्लैक फंगस की दवा की उपलब्धता
डीएम ने माना है कि ब्लैक फंगस की दवा की उपलब्धता कम है। यह लखनऊ से मिलती है। इसके लिए हमेशा विभाग का वाहन वहां मौजूद रहता है। गुरुवार को केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए दवा का आवंटन बढ़ाया गया है। शुक्रवार को ज्यादा मात्र में दवा मिलने की उम्मीद है।