

RGA news
बिना सलाह दवा लेने पर जान का खतरा।
मरीज कोरोना पाजिटिव हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बिना हिस्ट्री पूछे एंटीबायोटिक दवा दे दी। खाते ही मरीज के दिमाग एवं पेट में रक्तस्नाव हो गया। गंभीर स्थिति होने पर जांच हुई तो पता चला कि मरीज के हृदय का वाल्व बदला था और उसकी जान चली गई
मेरठ मरीज कोरोना पाजिटिव हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बिना हिस्ट्री पूछे एंटीबायोटिक दवा दे दी। खाते ही मरीज के दिमाग एवं पेट में रक्तस्नाव हो गया। गंभीर स्थिति होने पर जांच हुई तो पता चला कि मरीज के हृदय का वाल्व बदला था। रक्त पतला करने की दवाएं चल रही थीं। एजिथ्रोमाइसिन व डाक्सीसाइक्लिन खाने से खून और पतला हो गया। मस्तिष्क में रक्तस्नाव होने से मरीज की जान चली गई। ऐसे दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के मरीजों को एंटीबायोटिक, एंटीवायरल एवं एंटीफंगल दवाएं देने से पहले उनकी हिस्ट्री लेना जरूरी है। कई संक्रमित मरीजों ने मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर खा ली। जिन मरीजों के हृदय के वाल्व बदले गए थे, उन्होंने भी चिकित्सकों से परामर्श नहीं किया। जबकि वो पहले से खून पतला करने की दवाएं खा रहे थे। एजिथ्रो व डाक्सी खाते ही खून और पतला हुआ। असल में ये दवाएं शरीर के एक खास हिस्से में मेटाबोलिज्म को रोक देती हैं, जिसे ड्रग-टू-ड्रग इंटरेक्शन कहते हैं। ऐसे में पेट, पैरों, मस्तिष्क एवं अंदरूनी अंगों में रक्तस्नाव का खतरा बढ़ जाता है।
इसीलिए गाढ़े रंग की सब्जियां भी नहीं खाते
डा. राजीव ने बताया कि वाल्व बदलने पर मरीजों को जाड़े में सरसों का साग, हरे व गाढ़े रंग के पत्तों की सब्जियां खाने से मना कर दिया जाता है। इसमें काली गाजर, हरा काला पालक शामिल है, जिसमें विटामिन-के होता है। इससे दवा का असर कम होने पर वाल्व आपस में चिपक सकते हैं। इससे मरीज की जान पर खतरा बनता है।
रूमेटिक हार्ड डिजीज में हृदय का वाल्व खराब होने पर छाती खोलकर लोहे का वाल्व लगाया जाता है। ऐसे कई मरीज भर्ती हुए, जिन्होंने कोरोना की दवा खा ली थी और पेट और टांग में खून का स्नाव हो गया। दिमाग में स्नाव होता तो जान जा सकती थी। बिना डाक्टरों से परामर्श लिए कोरोना मरीज दवाएं न खाएं।