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बासमती धान की खेती के लिए यह उपयुक्त समय।
किसानों के लिए बासमती धान की नर्सरी डालने का उचित समय आ गया है। जो किसान पूसा बासमती की खेती करने जा रहे हैं। उनके लिए बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम ने गाइडलाइन जारी की है और बताया है कि कैसे यह समय इसके लिए उपयुक्त है
मेरठ किसानों के लिए बासमती धान की नर्सरी डालने का उचित समय आ गया है। जो किसान पूसा बासमती की खेती करने जा रहे हैं। उनके लिए बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम ने गाइडलाइन जारी की है। प्रधान विज्ञानी डा. रितेश शर्मा का कहना है कि जो किसान पूसा बासमती 6 (1401) व पूसा बासमती 1728 की खेती करने जा रहे हैं, वह अपने नर्सरी क्षेत्र को अच्छी तरह तैयार करके नर्सरी डाल सकते हैं। वहीं, दूसरे बिंदु पर जो किसान पूसा बासमती 1 व पूसा बासमती 1637 उगाने के लिए तैयार हैं, वे भी जून माह के प्रथम सप्ताह में नर्सरी डाल सकते हैं यह नर्सरी क्षेत्र तैयार करने का उचित समय है। उन्होंने प्रगतिशील व अग्रणी किसानों से निवेदन करते हुए अपील की है कि बासमती धान को उन्नत तकनीक अपना के ही उगाया जाए ताकि पेस्टिसाइड्स का प्रयोग कम से कम करना पड़े। डा. रितेश शर्मा का कहना है कि कोरोना महामारी के समय बासमती की मांग काफी बढ़ी है।
चावल निर्यात में वृद्धि
बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम के अनुसार, 31 मार्च तक बासमती चावल की मांग में 10 फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि 150 फीसद की वृद्धि अन्य किस्मों के चावल में देखी जा रही है। डा. रितेश शर्मा बताते हैं कि 1509 फसल के समय का दाम दो हजार रुपये था, जो अब बढ़कर 2500 रुपये पहुंच गया है। बारिश की संभावना इस बार अच्छी मानी जा रही है। जिसे देखते हुए धान की खेती करने वालों को कोई परेशानी नहीं होगी।