

RGA news
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का फाइल फोटो, जागरण।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेमेस्टर की कापियों के मूल्यांकन के बाद उसकी सफलता पर समीक्षा होगी और उसके बाद वार्षिक परीक्षा की कापियों के आनलाइन मूल्यांकन की रणनीति बनाई जाएगी। विश्वविद्यालय इससे पहले भी शोध पात्रता परीक्षा का सफल आनलाइन आयोजन कर चुका है।
गोरखपुर कोरोना संक्रमण के चलते दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने एक नया प्रयोग शुरू किया है। विश्वविद्यालय पहली बार कापियों का आनलाइन मूल्यांकन करा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेमेस्टर परीक्षाओं का आनलाइन मूल्यांकन शुरू भी हो गया है और अबतक 5000 कापियां जांची जा चुकी हैं।
आनलाइन मूल्यांकन के बाद होगी समीक्षा
पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेमेस्टर की कापियों के मूल्यांकन के बाद उसकी सफलता पर समीक्षा होगी और उसके बाद वार्षिक परीक्षा की कापियों के आनलाइन मूल्यांकन की रणनीति बनाई जाएगी। विश्वविद्यालय इससे पहले भी शोध पात्रता परीक्षा का सफल आनलाइन आयोजन कर चुका है। उस सफलता से उत्साहित होकर ही कापियों के आनलाइन मूल्यांकन का निर्णय लिया गया था। प्रयोग के तौर 30 हजार कापियों का मूल्यांकन होना है। एमबीए की सेमेस्टर परीक्षा की कापियों का मूूल्यांकन पूरा कर लिया गया है। बीबीए, बीसीए, एमबीबीएस और परास्नातक की कापियों का मू्ल्यांकन चल रहा है। परीक्षा नियंत्रक डा. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कापियों का आनलाइन मूल्यांकन कुलपति प्रो. राजेश सिंह के निर्देशन में सम्पन्न कराया जा रहा है। आनलाइन मूल्यांकन से परीक्षा परिणाम घोषित करने में देर होने की आशंका नहीं के बराबर रह जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन को विश्वास है कि मूल्यांकन का यह तरीका शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को पसंद आएग
ऐसे किया जा रहा आनलाइन मूल्यांकन
कापियों को स्कैन कर ई-मेल के जरिए परीक्षकों को उसका लिंक भेजा जा रहा है। लिंक पर क्लिक करते ही कापियां खुल जा रही हैं। अंक देने के लिए एक निश्चित आनलाइन फार्मेट शिक्षकों को दिया गया है। जैसे ही शिक्षक ङ्क्षलक को बंद कर रहे, मूल्यांकन कार्य पूरा हो जा रहा। इससे यह फायदा होगा कि इन कापियों को कभी भी देखा जा सकेगा। मूल्यांकन की पारदर्शिता और शुचिता दोनों बनी रहेगी।