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योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर वेस्ट में हलचल।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में नए नामों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। टीम योगी का विस्तार किया जा सकता है जिसमें पश्चिम उप्र के कई नए नाम रेस में हैं। कुछ नामों पर गाज गिरने की चर्चा है
मेरठ उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में नए नामों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। टीम योगी का विस्तार किया जा सकता है, जिसमें पश्चिम उप्र के कई नए नाम रेस में हैं। कुछ नामों पर गाज गिरने की चर्चा है, जबकि नए नामों को शामिल कर जातिगत समीकरण साधने की रणनीति अपनाई जाएगी। जिसे लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी हलचल तेज हो गई। कई दिग्गज नेता समीकरण बैठाने में जुटे हुए हैं तो कई प्रयास भी कर रहे हैं।
पंचायत चुनावों को विधानसभा 2022 के चुनावों का लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। जिसमें पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। प्रदेशभर में सपा और बसपा को बड़ी संख्या में वार्ड मिल गए। पश्चिम उप्र में पंचायत चुनावों के नए मायने हैं। कृषि कानूनों को लेकर इस क्षेत्र में किसानों में सबसे ज्यादा उबाल था, जिसे भाजपा शांत नहीं कर पाई। पंचायत चुनावों में इसका सबसे ज्यादा फायदा रालोद को मिला, और पार्टी को खोई जमीन फिर मिल ग
विस चुनावों से पहले प्रदेश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की खदबदाहट उठने लगी है। पश्चिम में अमरोहा के चेतन चौहान और मुजफ्फरनगर के विजय कश्यप के कोरोना से निधन के बाद पार्टी दो नए चेहरों को मंत्रिमंडल में लेगी। बदलाव का असर सहारनपुर से लेकर बिजनौर तक हो सकता है। पार्टी पश्चिम से एक ओबीसी, एक ठाकुर व एक गुर्जर चेहरा को मंत्री बना सकती है, हालांकि चर्चा है कि इसमें मेरठ से कोई नाम शामिल नहीं है। संगठन में भी बदलाव की पटकथा बन चुकी है। प्रदेशभर में कई नए चेहरों को मौका देने की बात सामने आ रही है।
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की राज्यपाल आंनंदीबेन से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा और तेज हो गई है। लेकिन सुत्रों का मानना है कि अभी तक इसे लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है, तो यह योगी सरकार में यह दूसरा मंत्रीमंडल विस्तार होगा। इसे लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई नामों को लेकर अटकनें लगाई जा रही हैं।