सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा प्रदेश में बनेगा फारेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट, फारेंसिक साइंसेज व एकेटीयू के बीच हुआ एमओयू

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा अपराध अनुसंधान की जरूरतों के अनुरूप तैयार हों पाठ्यक्रम।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आवास में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फारेंसिक साइंसेज एवं डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के बीच एमओयू के हस्ताक्षर किए और इस मौके कहा कि इंस्टीट्यूट शीघ्रा अतिशीघ्र बनाकर संचालित किया जाए।

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराध अनुसंधान के मामले में फारेंसिक साइंस की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस व न्यायालयों ने स्वीकार किया है। वर्तमान में अपराध की प्रकृति काफी बदल गई है। अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अपराध अनुसंधान तथा अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा। आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रदेश में एक फारेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की आवश्यकता थी। इसलिए लखनऊ में इस इंस्टीट्यूट को स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इस संस्थान के शुरू हो जाने से इसका असर फील्ड में भी दिखाई देना चाहिए, ताकि अपराधों को तीव्र गति से सुलझाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने आवास में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फारेंसिक साइंसेज एवं डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के बीच एमओयू के हस्ताक्षर मौके कहा कि इंस्टीट्यूट शीघ्रातिशीघ्र बनाकर संचालित किया जाए। उन्होंने इसका संबद्धता गुजरात में स्थापित नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) से करने के निर्देश दिए। अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रमों को तैयार किया जाए। इसमें एक साल के अंदर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चौहान, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्कृष्टता केंद्र भी अलग से होगा स्थापित: प्रदेश सरकार ने लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर में 50 एकड़ भूमि इस संस्थान के लिए दी है। एनएफएसयू द्वारा वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह संस्थान के परिसर में पांच एकड़ भूमि पर अलग इकाई के रूप में होगा। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, डीएनए परीक्षण के क्षेत्र में, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है।

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