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RGA news
इनर रिंग रोड पर जमीन अधिग्रहण के मामले में आज किसानों की बैठक है।
किसानों ने एलान कर दिया है कि जब तक उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह अपनी जमीन नहीं देंगे। दोपहर में होने वाली इस बैठक में भी दोनों के बीच चला आ रहा विवाद सुलझता नहीं दिख रहा
आगरा। इनररिंग रोड जमीन अधिग्रहण को लेकर आगरा विकास प्राधिरकण (एडीए) और किसानों के बीच शनिवार को एक बार फिर बैठक होने जा रही है। दोपहर में होने वाली इस बैठक में भी दोनों के बीच चला आ रहा विवाद सुलझता नहीं दिख रहा। किसानों ने एलान कर दिया है कि जब तक उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं मिलता, तब तक वह अपनी जमीन नहीं देंगे।
एडीए अधिकारियों की ओर से जमीन अधिग्रहण से जुड़े किसानों को 29 मई को एडीए में बैठक के लिए पत्र भेजे गए। इसमें इनररिंग रोड के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण पर किसानों से चर्चा होनी है। लगभग 12 साल पहले एडीए ने इनररिंग रोड तृतीय चरण के लिए जमीन अधिग्रहित की थी। बाद में इस रोड का एलाइनमेंट बदल गया। 400 किसानों की लगभग 40 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा लेकर एडीए अब इसका लैंड यूज बदलना चाहता है। इसे व्यवसायिक गतिविधियों के लिए देने की योजना है। किसानों को ये मंजूर नहीं है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि अधिकांश किसानों ने मुआवजा नहीं लिया है। इसके बावजूद एडीए जबरन उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहता है। इनररिंग रोड तृतीय चरण के तहत पट्टी पचगाईं, खेड़ा देवरी, रोहता, इटौरा, जखोदा आदि गांवों में जमीन अधिग्रहण किया गया था। किसानों का आरोप है कि इनररिंग रोड जमीन अधिग्रहण में तत्कालीन कई अधिकारी और कर्मचारी करोड़ों का घोटाला कर गए हैं। जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी अब तक उन पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। किसानों ने साफ कहा कि जब तक उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं मिलता, वह अपनी जमीन नहीं देंगे।