उत्तराखंड में अब महंगी पड़ेगी ध्वनि मानकों की अनदेखी, पढ़िए पूरी खबर

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विश्व पर्यावरण दिवस से पहले प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाया है।

विश्व पर्यावरण दिवस से पहले प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के क्रम में अब प्रदेश में शांत क्षेत्र-जोन अधिसूचित करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है

 देहरादून। विश्व पर्यावरण दिवस से पहले प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के क्रम में अब प्रदेश में शांत क्षेत्र-जोन अधिसूचित करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। शांत क्षेत्र-जोन में परिवेशीय वायु गुणवत्ता के संदर्भ में ध्वनि सीमा के मानक तय करने के साथ ही नियमों के उल्लंघन पर भारी-भरकम जुर्माने का प्रविधान किया गया है। प्रदेश में प्रेशर हार्न का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है तो लाउडस्पीकर के लिए भी मानक तय कर दिए गए हैं।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्र) नियम में शांत क्षेत्र, आवासीय, वाणिज्यिक व औद्योगिक क्षेत्र के लिए दिन एवं रात के समय के लिए ध्वनि के मानक निर्धारित हैं। इनके उल्लंघन के मद्देनजर प्राधिकारी बनाने की भी व्यवस्था है। वर्तमान में उत्तराखंड में न तो ऐसे कोई क्षेत्र अधिसूचित थे और न ध्वनि मानकों के उल्लंघन पर कार्रवाई का कोई प्रविधान ही था। गत वर्ष अगस्त में एनजीटी ने राज्यों को ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में राज्य में पहल की गई और शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी गई।

अधिसूचित शांत क्षेत्र-जोन

सभी क्षेत्र

  • उत्तराखंड उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, जिला अस्पतालों, मेडिकल कालेजों, 50 व इससे अधिक शैयाओं वाली हेल्थ केयर फैसिलिटी और शैक्षिक संस्थान के न्यूनतम सौ मीटर तक का क्षेत्र।
  • संरक्षित वन क्षेत्र अथवा वन अधिनियम के तहत अधिसूचित वन क्षेत्र, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले धरोहर व पुरातात्विक स्थल।

 आवासीय क्षेत्र

  • किसी सरकारी परियोजना के तहत आवासीय क्षेत्र के रूप में चिह्नित व अधिसूचित क्षेत्र, आवासीय कालोनी व ग्रुप हाउसिंग कालोनी।
  • जोनल क्षेत्र, मास्टर प्लान या किसी सरकारी परियोजना के तहत कृषि, बागवानी क्षेत्र व अन्य ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आच्छादित क्षेत्र को छोड़कर।

वाणिज्यिक क्षेत्र

  • स्थानीय विकास प्राधिकरणों, जिला प्राधिकरणों अथवा राज्य सरकार की ओर से वाणिज्यिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित क्षेत्र।

औद्योगिक क्षेत्र

  • उद्योग विभाग, जिला प्राधिकरण, सिडकुल अथवा औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित क्षेत्र
  • ऐसे क्षेत्र जहां भू उपयोग बदलकर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की गई हो।

 प्रेशर हार्न व लाउडस्पीकर

अब संपूर्ण राज्य में प्रेशर हार्न के उपयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। लाउडस्पीकर के साथ ध्वनि सीमक के निर्धारण को भी मानक तय किए गए हैं। खुले में लाउडस्पीकर के संचालन के लिए अनुमति देते वक्त यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संचालक द्वारा लाउडस्पीकर में ध्वनि सीमक लगाया जाएगा। ध्वनि सीमक के बिना लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं होगा। किसी भी शांत क्षेत्र अथवा खुले स्थान में परीक्षाओं के आयोजन से तीन दिन पहले से परीक्षा समाप्त होने तक लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नामित होंगे प्राधिकारी

ध्वनि प्रदूषण से संबंधित नियमों के अनुपालन के लिए प्राधिकारी नामित किए जाएंगे। इनमें तहसीलदार से ऊपर का कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट, उपनिरीक्षक स्तर से ऊपर का कोई पुलिस अधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी स्तर से ऊपर का वनाधिकारी, शहरी निकाय के सहायक नगर आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अथवा जिला उद्योग केंद्र के सहायक प्रबंधक से ऊपर के तकनीकी व वैज्ञानिक अधिकारी शामिल किए जा सकते हैं।

डीएम करेंगे वर्गीकरण

किसी मिश्रित क्षेत्र को आवासीय, वाणिज्यिक व औद्योगिक के रूप में प्रयोग किए जाने के मामले में जिलाधिकारियों को संबंधित क्षेत्र के विकास प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों, पंचायतों के परामर्श के बाद वर्गीकरण के लिए अधिकृत किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इससे संबंधित निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है तो वह निदेशक राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय के समक्ष अपील कर सकेगा। क्षेत्र व जोन के वर्गीकरण के संबंध में अपीलीय अधिकारी का फैसला अंतिम होगा। औद्योगिक क्षेत्र और खनन में क्षेत्र में स्टोन क्रशर संचालन को भी सक्षम प्राधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। सार्वजनिक आपातकाल, किसी व्यक्ति व जीव की प्राणरक्षा, चुनावी प्रक्रिया और राष्ट्रीय व राज्य उत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्र व जोन में निर्धारित ध्वनि का स्तर इस दशा में मान्य नहीं होगा।

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